विश्वविद्यालय का गजब कारनामा! सामूहिक नकल को 2000 छात्र बना दिए छात्रा, CCTV और डाटा पकड़ने पर तीन केंद्र निरस्त
परीक्षा फार्म भरते समय दो हजार छात्राें को छात्राएं दर्शा दिया। इससे छात्र भी छात्राओं के साथ स्वकेंद्र पर परीक्षा दे रहे थे। पहली, दूसरी और तीसरी पाली में छात्रों की संख्या में बड़ा अंतर मिलने पर डाटा की जांच की गई। मंगलवार को तीनों केंद्रों के सीसीटीवी की ऑनलाइन निगरानी की गई तो तीनों केंद्रों पर छात्राओं के साथ छात्र परीक्षा दे रहे थे, इसमें भी छात्राएं कम और छात्र ज्यादा थे। इससे खेल खुल गया। इन तीनों परीक्षा केंद्रों को निरस्त कर दिया है।
परीक्षा नियंत्रक डा. ओम प्रकाश ने बताया कि मैनपुरी के मेजर अंगद सिंह महाविद्यालय और एसबीडी कॉलेज ऑफ साइंस एंड एजूकेशन और मथुरा के गुलकंदी लालाराम महाविद्यालय, पतलौनी मथुरा को केंद्र बनाया गया था। इन तीनों केंद्रों पर इन्हीं कॉलेज की छात्राओं के लिए स्वकेंद्र था और एक एक कॉलेज के छात्रों का केंद्र था।केंद्र पर पहली पाली में तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा में 20 से 25 तो दूसरी पाली में पंचम सेमेस्टर की परीक्षा में 120 और तीसरी पाली में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में 150 छात्र परीक्षा दे रहे थे।
अब नए केंद्र पर परीक्षा कराई जाएगी। विश्वविद्यालय की स्नातक और परास्नातक की परीक्षाएं 21 नवंबर से शुरू हुईं, परीक्षा से पहले तक फार्म भरवाए गए।इसका लाभ कालेज संचालकों ने उठाया।आइईटी खंदारी में बने निगरानी कक्ष में सीसीटीवी की जांच कराई गई, तीनों केद्रों पर छात्राओं से ज्यादा छात्र परीक्षा देखे दिखाई दिए। एक कमरे में छात्र ही बैठे हुए थे जबकि छात्राओं की परीक्षा थी। आशंका है कि सामूहिक नकल कराने के लिए यह खेल किया गया। सीसीटीवी फुटेज और डाटा के आधार पर इन तीनों केंद्रों को निरस्त कर दिया है। इस मामले की जांच कराई जा रही है, जांच रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अन्य कालेजों के डाटा की भी जांच की जा रही है।