Taj Mahal वाद में पक्षकार बनने पर ASI की आपत्ति, जलाभिषेक व पूजा-अर्चना की मांगी है अनुमति; 16 को अगली सुनवाई
By Satish Kumar
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आगरा। ताजमहल में सावन में जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक और अन्य त्योहारों पर पूजा-अर्चना की मांग से सम्बंधित वाद में बुधवार को लघु वाद न्यायालय में सुनवाई हुई। सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के वाद में पक्षकार बनने के प्रार्थना पत्र पर एएसआई के अधिवक्ता ने आपत्ति दाखिल की। मामले में अगली सुनवाई 16 दिसम्बर को होगी।
योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष अजय तोमर ने 23 जुलाई को ताजमहल में पूजा-अर्चना की अनुमति मांगने को वाद दायर किया था। उन्होंने ताजमहल के शिव मंदिर तेजोमहालय होने का दावा किया था।
कांग्रेस नेता सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी ने 24 सितम्बर को वाद में पक्षकार बनने को अधिवक्ता रईसुद्दीन के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया था। उन्होंने ताजमहल को मकबरा और वक्फ सम्पत्ति बताया था। इस पर वादी अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने सात अक्टूबर को आपत्ति दाखिल करते हुए कहा था कि ताजमहल सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी की निजी संपत्ति नहीं है। न वह शाहजहां के वंशज हैं। ताजमहल सरकारी इमारत है, इसलिए उन्हें वाद लड़ने का कोई अधिकार नहीं है।
न्यायालय ने खारिज किया था प्रार्थना पत्र
23 अक्टूबर को हुई सुनवाई में एएसआई के अधिवक्ता विवेक कुमार ने वाद की नकल मुहैया कराने को प्रार्थना पत्र दिया था, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था। बुधवार को सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के पक्षकार बनने के प्रार्थना पत्र पर एएसआई के अधिवक्ता विवेक कुमार ने आपत्ति जताई।
अधिवक्ता विवेक कुमार ने ने कहा कि सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी का वाद में पक्षकार बनने का कोई अधिकार नहीं है। ताजमहल से संबंधित जानकारी न्यायालय को उपलब्ध कराना और वाद लड़ना एएसआई की जिम्मेदारी है।सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी के अधिवक्ता रईसुद्दीन ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।