खोदाई में मिला चांदी का सिक्का बताकर ठगे ढाई लाख, इस तरह आगरा पुलिस के हत्थे चढ़ा पूरा गिरोह, खुले कई मामले
गिरोह ने 13 नवंबर को बेलनगंज, थाना छत्ता के सेवानिवृत्त नगर निगम के कर्मचारी सुरेंद्र कुमार को अपने जाल में फंसा लिया था। रास्ते में मिले शंकर ने सुरेंद्र से कहा कि वह मजदूरी करता है। एक जगह खोदाई में उसे सिक्का मिला है, उसके किसी काम की नहीं है। यह कहकर सिक्का उन्हें पकड़ा गया। अपना मोबाइल नंबर भी दे गया। सुरेंद्र ने सिक्के को सर्राफ के यहां चेक कराया तो वह असली चांदी का था।
असली सोने के मोती देकर फंसाया
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि जाल में फंसे सुरेंद्र कुमार ने शंकर को काल किया। उसने बताया कि उसके पास सोने की तरह के कुछ मोती भी हैं, वह उन्हें दो मोती देकर गया। मोती चेक कराएग तो वह वह भी असली सोने के थे। जाल में फंसे सुरेंद्र कुमार ने शंकर से दोबारा संपर्क किया। उसने कहा कि करीब एक किलोग्राम मोती उसके पास हैं।
15 नवंबर को मोती देकर गया
सुरेंद्र ने ढाई लाख रुपये में सौदा कर लिया। वह 15 नवंबर को उनसे ढाई लाख रुपये लेकर मोती दे गया। सर्राफ से चेक कराने पर वह सभी नकली निकले। सुरेंद्र ने हरीपर्वत थाने में मुकदमा दर्ज कराया। डीसीपी सिटी ने बताया कि आरोपितों से दो लाख रुपये और नकली मोती बरामद किए हैं। चारों को जेल भेजा गया है।
गिरोह तक इस तरह पहुंची पुलिस
गिरोह ने टप्पेबाजी के बाद मोबाइल बंद कर लिया था। इंस्पेक्टर हरीपर्वत आलोक कुमार और दारोगा योगेश नागर ने सुरेंद्र ने जिस नंबर पर कॉल किया था, उसकी कॉल डिटेल निकाली। गिरोह ने 15 लोगों से संपर्क किया था। पुलिस ने एक-एक करके सभी से संपर्क किया। पता चला कि गिरोह कई लोगों से इसी तरह ठगी कर चुका था।
ग्वालियर के एक युवक को भी फंसाया था
ग्वालियर के एक युवक को भी जाल में फंसाया था। उसे सोने के असली मोती दे गया था। पुलिस ने युवक को पूरा मामला बताया, गिराेह ने ग्वालियर के युवक को आगरा में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल आइएसबीटी पर रविवार रात को बुलाया था। पुलिस ने आइएसीबीटी पर घेराबंदी करके टप्पेबाजी करने आए चारों आरोपितों को दबोच लिया।