ब्लॉक कार्यकारिणी की बैठक शहीद स्मारक मुंशीगंज में आयोजित
रायबरेली। केंद्र सरकार की तरफ से एनपीएस की जगह लाई जाने वाली यूपीएस योजना का भी लगातार विरोध जारी है। सरकार की तरफ से यूपीएस के सुधारों को लेकर भी कोई चर्चा नहीं की जा रही है, इसकी वजह से कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस पेंशन के विरोध में और पुरानी पेंशन की मांग को लेकर 26 सितम्बर को अटेवा के बैनर तले एकत्रित होकर जिले के हजारों कर्मचारी “आक्रोश मार्च” निकालेंगे।
मुंशीगंज के शहीद स्मारक पर आयोजित बैठक में जिला संयोजक इरफान अहमद ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन बहाल न करके अब न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की जगह पर यूनिफाइड पेंशन योजना (यूपीएस) लागू करने जा रही है। सरकार की यह पेंशन स्कीम बिल्कुल ही कर्मचारियों के हित में नहीं है।
जिला महामंत्री राजकुमार गुप्ता ने बताया कि ऑल टीचर्स इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) के बैनर तले कर्मचारियों ने अपने ही कार्यस्थल पर हाथ में काली पट्टी बांधकर नई पेंशन व्यवस्था यूपीएस का विरोध 2 से 6 सितंबर तक किया गया था। इस विरोध में बेसिक, माध्यमिक और डिग्री कॉलेज के शिक्षकों के साथ ही साथ लेखपालों, नर्सों और अन्य राज्य कर्मचारियों ने विरोध करते हुए सरकार से पेंशन स्कीम पर विचार करने का अनुरोध किया था, लेकिन सरकार ने बिल्कुल ही गौर नहीं किया है।
जिला कोषाध्यक्ष अंजनी मौर्य ने बताया कि यूपीएस एक छलावा मात्र है भले इसमें सरकार अपना अंशदान 14 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर रही हैं लेकिन सेवानिवृत्त पश्चात आपके द्वारा किया गया अंशदान भी आपको नहीं मिलेगा। हम लोग इसी का विरोध कर रहे हैं और हम अपनी बुढ़ापे की लाठी यानि पुरानी पेंशन स्किम की मांग सरकार ने अनवरत कर रहे हैं।
जिला मीडिया प्रभारी मो0 नसीम ने बताया कि आगामी 26 सितम्बर को पूरे जिले के कर्मचारी जिला मुख्यालय पर एकत्रित होकर “आक्रोश मार्च” निकालेंगे।
उन्होंने बताया कि इस “आक्रोश मार्च” में प्रतिभाग करने के लिए विभागों में जागरूकता कार्यक्रम अटेवा की तरफ से चलाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक संख्या में कर्मचारी प्रतिभाग करें। उन्होंने बताया कि शिक्षकों के साथ ही नर्सों, फार्मेसी, लेखपाल, पंचायत सचिवों, सफाई कर्मचारी संघ के साथ ही अन्य विभागों के कर्मचारी भी इसमें प्रतिभाग करेंगे।