On-Page SEO क्या है? ऑन-पेज एसईओ कैसे करें?

On

SEO क्या है? कैसे काम करता है? और कैसे एक ब्लॉग या वेबसाइट को Search Engine के अनुसार Optimize किया जाता है? इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आज हम बात करेंगे ऑन-पेज एसईओ (On Page Optimization In SEO) के बारे में। यानि कि On Page SEO क्या होता है? यह कैसे काम करता है? इसमें कौन-कौनसी Techniques पर काम किया जाता है? और किस तरह एक Blog या Website का Complete On-Page SEO किया जाता है? तो आइए, विस्तार से जानते हैं।

On-Page SEO

किसी भी पोस्ट को Rank कराने के लिए On-Page SEO सबसे पहला Step होता है। यदि आपने Off-Page SEO में हजारों Backlinks बना रखी हैं। मगर आपका On-Page SEO सही नहीं है! तो आप चाहकर भी अपनी Blog Post को रैंक नहीं करा सकते। हालांकि कुछ परिस्थितियों में फालतू Posts भी रैंक कर जाती हैं लेकिन अधिक समय तक नहीं। क्योंकि यूजर्स ऐसी पोस्ट्स को पढ़ना पसंद नहीं करते। इसीलिए जल्द ही उनकी रैंक गिर जाती है।

Read More MI Credit Loan क्या है और Apply कैसे करे?

आपको पता होगा कि Search Engines Algorithms पर काम करते हैं। और इन अल्गोरिदम्स में लगातार बदलाव (अपडेट) करते रहते हैं। जैसे कि Google साल में कई बार अपने Algorithm में बदलाव करता है। और इसके पीछे कई सारे Factors होते हैं। लेकिन ज्यादातर बदलाव On-Page पर आधारित होते है। क्योंकि जब Google किसी Website को Index करने के लिए अपने Bots भेजता है! तो वे सबसे पहले Website का On-Page ही देखते हैं।

Read More SEO क्या है, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की संपूर्ण जानकारी?

जैसे कि आपका Focus Keyphrase क्या है? Title क्या है? Title में कितने शब्द हैं? Content User-Friendly है या नहीं? कॉन्टेंट का स्ट्रक्चर (Headings, Paragraphs) कैसा है? Keyword Density, ALT Tags और भी बहुत सी चीजे हैं, जो On-Page के अंतर्गत आती हैं। Indexing से पहले Google इन तमाम चीजों को देखता है। और यदि ये सारी चीजें सही होती हैं, तभी आपकी Post टॉप पर रैंक करती है। 

Read More रेलवे इंजन का अविष्कार किसने किया था?

इसीलिए एक वेबसाइट On-Page SEO बहुत जरूरी है। अगर आप On-Page SEO Techniques को बारीकी से समझना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए। क्योंकि इस आर्टिकल में मैं आपको बताऊँगा की On-Page SEO Kya Hai? What is On-Page SEO? और ऑन-पे एसईओ करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो आइए, विस्तार से जानते हैं।

On-Page SEO क्या है?

ऑन-पेज एसईओ का अर्थ है, अपनी Website के Pages और Posts को Search Engines के अनुसार व्यवस्थित करना। यानि कि वेबसाइट पर दिखने वाली सामग्री को सर्च इंजन्स के अनुसार Optimize करना। दरअसल, Google अपने Search Algorithms को लगातार विकसित और Update करता रहता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 2021 में, गूगल ने करीब 8,00,000 Experiments किए। और 5,000 से ज्यादा बार Search Algorithms को अपडेट किया।

हालांकि Google के निरंतर सुधार करने के बावजूद भी ये Algorithms पूरी तरह से (100%) सही काम नहीं करते। इसलिए Google इन्हें लगातार Update करता रहता है। और Content को समझने व User Experience को बेहतर बनाने की कोशिश में लगा रहता है। यहीं से On-Page SEO (On-Page Search Engine Optimization) की शुरुआत होती है।

On-Page SEO या On-Site SEO, आपकी वेबसाइट के विभिन्न Back-End व Front-End घटकों जैसे कि Post का Content, Structure, HTML Tags, Navigation Menu आदि को Search Engines के अनुसार Optimize करने की एक प्रक्रिया है। जो Website को SERP (Search Engine Results Page) पर रैंक करने में मदद करती है। 

On-Page SEO कैसे काम करता है?

अब सवाल यह है कि ऑन-पेज एसईओ काम कैसे करता है? How does On-Page SEO work? तो चलिए, इसे एक उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। मान लीजिए कि आपकी एक Website है, जिसका नाम है “SEOGuide”. अब इस Website के नाम से ही पता चल रहा है कि यह Website किस बारे में है? ऐसे में अगर आप इस वेबसाइट का On-Page SEO करेंगे! तो जाहिर है SEO कीवर्ड को मुख्य रूप से Target करेंगे। और अपनी वेबसाइट को भी इसी कीवर्ड पर रैंक करवाने की कोशिश करेंगे।

और इसके लिए आप अपनी वेबसाइट के Title, Tagline, Meta Description, Homepage, Blog Page और Categories आदि में SEO Keyword को जरूर लिखेंगे। साथ ही अपनी Posts में भी इस कीवर्ड को जरूर जगह देंगे। जैसे कि अगर आप एक Blog Post लिखते हैं, “On-Page SEO Kya Hai?” तो आप इस पोस्ट में SEO से Related Keywords को जरूर शामिल करेंगे। साथ ही Post के Title, Headings (H2, H3 आदि), Description, ALT Tags (Images), Post URL (Permalink) और Tags में भी SEO से रिलेटेड कीवर्ड्स को जरूर शामिल करेंगे।

अब अगर गूगल के Crawlers (Bots) इस पोस्ट को Crawl करेंगे! तो उन्हें आसानी से पता चल जाएगा कि आपकी पोस्ट किस बारे में है? और वह कितनी Relevant है? असल में, जब आप सही तरीके से On-Page करते हैं! तो Search Engines के लिए आपकी वेबसाइट को समझना आसान हो जाता है। और वे उसे बेहतर तरीके से रैंक कर पाते हैं।

On-Page SEO क्यों जरूरी है? 

सवाल यह है कि ऑन-पेज एसईओ क्यों जरूरी है? Why On Page SEO is important? ऑन-पेज एसईओ या On-Site SEO के जरिए आप अपने Blog अथवा Website को सर्च इंजन्स के लिए समझने में आसान व रैंक करने योग्य बनाते हैं। यानि कि अपने Blog तथा Content के बारे में जानकारी देते हैं। ताकि Search Engines आपके Content को बेहतर ढंग से समझ सकें। और उसे सही जगह Rank कर सकें। इसीलिए On Page SEO बहुत जरूरी है।

जैसा कि मैंने कहा, Google अपने Search Algorithm को लगातार अपडेट कर रहा है। ताकि वह एक खोजकर्ता के इरादे (Intent) को बेहतर ढंग से समझ सके। और उसे उसकी जरूरतों को पूरा करने वाले Search Results दे सके। लेकिन इसके लिए सिर्फ Google ही जिम्मेदार नहीं है। बल्कि आप और हम जैसे Content Creators भी जिम्मेदार हैं। क्योंकि जैसे-जैसे गूगल का Search Algorithm Update होता है, वैसे-वैसे हमारी वेबसाइट को भी Optimization की जरूरत पड़ती है।

इसलिए एक Blogger को चाहिए कि वह अपनी वेबसाइट और उसके Content को प्रत्येक सर्च इंजन के Latest Algorithm Practices के हिसाब से Optimized रखे। ताकि न सिर्फ Google बल्कि Yahoo, Bing, Yandex और DuckDuckGo जैसे तमाम Search Engine भी आपकी वेबसाइट को समझ सकें। और उसे सही जगह रैंक कर सकें। इससे आपकी वेबसाइट को बेहतर व Quality Traffic मिलेगा।

SEO For Marketing

बिजनेस के लिए SEO सबसे आम Digital Marketing Strategies में से एक है। इन दिनों यह Marketing का सबसे सस्ता, आसान और भरोसेमंद विकल्प बना हुआ है। क्योंकि यह तमाम Digital Marketing Strategy में से सर्वश्रेष्ठ ROI प्रदान करता हैI अगर आसान भाषा में कहें तो सबसे कम लागत में सबसे दीर्घकालिक लाभ पहुँचाता है। यही वजह है कि आज के समय में SEO Marketing का सबसे लोकप्रिय माध्यम है।

एक वेबसाइट पर लगभग आधा (50%) Traffic Google और Bing जैसे Search Engines से आता है। इसका मतलब यह है कि लगभग 40 से 50% Online Revenue Search Traffic से ही Generate होता है।

आपको बताना चाहूँगा कि जो Search Results गूगल के पहले पेज पर दिखाई देते हैं, उन्हें 91% Traffic मिलता है। और जो Keywords इन Top Search Result में दिखाई देते हैं! वे लगभग 32% Traffic प्राप्त करते हैं। अब आप खुद समझ सकते हैं कि एक वेबसाइट के लिए On-Page SEO कितना जरूरी है? शायद, यही वजह है कि आजकल बड़े बड़े बिजनेसेज अपनी वेबसाइट के लिए SEO Agencies को Hire करते हैं। ताकि वे इस Opportunity का फायदा उठा सकें।

On-Page SEO के तत्व

ऑन-पेज एसईओ के कुछ महत्वपूर्ण Elements हैंं, जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि ये On-Page SEO Strategy की कुंजी हैं। इसीलिए इनका खास ध्यान रखना पड़ता है। आपको बताना चाहूँगा कि On-Page SEO Elements को 3 श्रेणियों में बांटा जाता है :-

Content Elements

इसमें Content (Text, Image, Audio, Video, Code आदि) से जुड़े Elements आते है। इसमें आप High Quality Content तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। और उसे Search Engines के अनुसार Optimize करते हैं। ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके। और सर्च इंजन्स को पता चल सके कि आपकी वेबसाइट यूजर्स के लिए कितनी Important है।

Site Architecture Elements

इसमें साइट के Architecture यानि कि सरंचना से जुड़े तत्व आते हैं। इसमें आप अपनी Website और Webpages के Structure पर काम करते हैं। यानि कि साइट और वेबपेजेज का Layout, Categories, Sub-Categories, Navigation System, Menus आदि को Optimize करते हैं। यह Google और अन्य Search Engines को आसानी से क्रॉल करने में मदद करता है।

Meta Elements

इसमें MetaData से जुड़े Elements आते हैं। इसमें आप Title, Description, Keywords, Tags आदि को Optimize करते हैं। आपको प्रत्येक पेज का Meta Data उसके HTML कोड में मिल जाएगा। इसमें विशेष रूप से पेज का Title Tag और Meta Description शामिल होता है। यह Search Engines द्वारा Page को सूचीबद्ध (Index) करने के लिए उपयोग किया जाता है।

जब आप Google पर कोई Query Search करते हैं! तो Search Result में आपको सबसे पहले Title Tag और Meta Description ही दिखाई देता है। यानि कि जो पेज का टाईटल और संक्षिप्त विवरण दिखाई देता है! वह असल में उस पेज का मेटा डाटा ही होता है। इससे सर्च इंजन और उपयोगकर्ताओं को यह जानने में मिलती है कि आपका पेज किस बारे में है? अपने वेबपेजेज के Meta Data को अच्छे Keywords और Relevant Content के साथ Optimize करके आप उच्च रैंक और Traffic दोनों हासिल कर सकते हैं।

On-Page SEO कैसे करें

अब सवाल यह है कि अपनी वेबसाइट का On-Page SEO कैसे करें? और अपने Content को किस तरह Optimize करें कि वह SERP (Search Engine Results Page) के Top पर Rank करे? तो इसके लिए आपको एक On Page SEO Check List दी जा रही है. आपको इस On-Page SEO Check List में मौजूद तमाम On-Page SEO Factors पर काम करना होगा :-

  • High-Quality Page Content
  • Page Titles
  • Headers
  • Meta Descriptions
  • Image Alt-text
  • Structured Markup
  • Page URLs
  • Internal Linking
  • Mobile Responsiveness
  • Site Speed

ऑन-पेज एसईओ का एक नियम है कि यह Content के हिसाब से React करता है। यानि कि जैसा कॉन्टेंट होता है, वैसा ही SEO काम करता है। इसीलिए अपने Visitors पर ध्यान केंद्रित कीजिए। और उनकी आवश्यकताओं (Intent) को पूरा करने वाला उपयोगी Content लिखिए। तभी आप On-Page SEO का पूरा फायदा उठा सकते हैं। खैर, आइए विस्तार से जानते हैं कि On Page SEO Elements को कैसे Optimize करें? On Page SEO Best Practices :-

1. High-Quality Page Content

हाई-क्वालिटी पेज कॉन्टेंट, On-Page SEO का दिल होता है। यह आपके ब्लॉग या वेबसाइट का मुख्य Asset होता है। इसीलिए सबसे पहले अपने Content पर फोकस करें। और अपने Readers के लिए अच्छा, उपयोगी व Quality Content तैयार करें। क्योंकि High Quality Page Content ऑन-पेज एसईओ की पहली शर्त है।

इसके लिए हमेशा नये, Useful और Evergreen Topics का चयन करें। और Content Research के साथ-साथ Keyword Research और Competitors Keyword Analysis जरूर करें। साथ ही Google पर Search कर रहे Users के Intent और सवालों को समझें। और उनका जवाब देने की कोशिश करें। क्योंकि, प्रोपर Research और Keyword Placement के साथ लिखा गया जानकारी से भरपूर कॉन्टेंट, Search Engines की पहली पसंद होता है।

How to optimize page content?

खैर, उच्च-गुणवत्ता वाला Page Content तैयार के लिए कुछ Rules (नियम) हैंं, जिन्हें आप अपनी On Page SEO Strategy में शामिल कर सकते हैं। ये Rules निम्नलिखित हैं :-

  • जानकारी से भरपूर व उपयोगी कॉन्टेंट तैयार करें। जो आपके Page Content का स्पष्ट और सटीक वर्णन करे।
  • कॉन्टेंट में स्वाभाविक रूप से Short-tail व Long-tail Keywords को शामिल करें।
  • उन Keyphrases या Queries के बारे में सोचें जो यूजर्स आपके पेज को खोजने के लिए टाइप करेंगे। और सुनिश्चित करें कि आपके Page में वे शब्द हैं या नहीं। यदि नहीं हैं तो उनको शामिल करें।
  • अपने Users की समस्या का समाधान करने वाला Content लिखें।
  • ऐसा Content तैयार करें, जिसे लोग Share करें। और लिंक करना चाहें।
  • अपनी वेबसाइट को समझने में Google की सहायता करें। उन सभी साइट Assets को Crawl करने की अनुमति दें, जो Page Rendering को प्रभावित करते हैं। जैसे कि High CSS और JavaScript
  • पेज हमेशा उपयोगकर्ताओं को ध्यान मेंं रखकर बनाऐं, न कि सर्च इंजन्स को।
  • अपने उपयोगकर्ताओं को धोखा न दें।
  • इस बारे में सोचें कि कौन सी बात आपकी वेबसाइट को अद्वितीय, मूल्यवान, आकर्षक और खास बनाती है? और जानें कि अपनी वेबसाइट को अपने क्षेत्र में दूसरों से अलग कैसे बनाऐं?

इसके अलावा Googe ने वेबसाइटों और व्यवसायों के लिए EAT (Expertise, Authoritativeness, and Trustworthiness) Update विकसित किया है! जिसमें Content को बनाने और Optimize करने के लिए विस्तृत Guideline दी है। आप इसकी मदद ले सकते हैं।

2. Page Titles

पेज टाईटल, सबसे महत्वपूर्ण On Page SEO Factors में से एक है। किसी Page के अंदर क्या सामग्री है? यह उस पेज के Title Tag से ही पता चलता है। यानि कि आपके Visitors और Search Engines को Page Title से ही पता चलता है कि किस Page के अंदर क्या है? या किस विषय में जानकारी दी गई है? इसीलिए अपने Webpages को Top पर रैंक कराने के लिए यह सुनिश्चित कीजिए कि आपके प्रत्येक Page के Title में Focus Keyword है या नहीं? यदि नहीं है तो आवश्यक रूप से शामिल कीजिए

How to optimize page title?

पेज टाईटल, एक पेज का सबसे छोटा Description होता है। यानि कि Page के अंदर मौजूद सामग्री के बारे में कम से कम शब्दों में पूरी जानकारी देता है। इसीलिए On-Page SEO की दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण होता है। लेकिन कुछ लोग इस पर ध्यान नहीं देते। खैर, एक अच्छा और SEO Friendly Title लिखने के लिए निम्न SEO Practices को जरूर फॉलो करें :-

  • पेज टाईटल्स को हमेशा 60 Characters के अंदर रखें। और कोशिश करें कि कोई भी Title 60 Characters से लम्बा न हो। क्योंकि लम्बे टाईटल्स सर्च रिजल्ट में ठीक-से प्रदर्शित नहीं होते। वे कट जाते हैं।
  • जहाँ तक हो सके, Title को हमेशा Focus Keyphrase से ही शुरू करें।
  • टाईटल्स के अंदर ढेर सारे Keywords न ठूँसे। क्योंकि Keyword Stuffing न सिर्फ Titles को मुश्किल और निर्रथक बना देता है! बल्कि सर्च इंजन्स के लिए भी Content को समझने में बाधा उत्पन्न करता है। इसीलिए Keyword Stuffing से बचें। क्योंकि आधुनिक सर्च इंजन्स बेहद एडवांस्ड और स्मार्ट हैं। उन्हें ऐसे Content की निगरानी (और दंडित) करने के लिए डिज़ायन किया गया है! जो Keywords से भरे हुए हैं।
  • टाईटल्स को हमेशा Page Content के साथ Relevant रखें।
  • टाईटल्स में Number और Attractive Phrase का इस्तेमाल करें। जैसे Top-105 BestCheap etc.
  • अगर आपकी Website किसी Brand को Represent करती है। और उसकी अच्छी-खासी पैठ है! तो अपने Brand Name को Title में जरूर शामिल करें।

3. Headers

हैडर्स (Headers), जिन्हें Body Tag के रूप में भी जाना जाता है, Content को व्यवस्थित करने का काम करते हैं। ये मूलतः <h1>, <h2>, <h3> आदि के रूप में लिखे जाते हैं। ये आपके कॉन्टेंट को छोटे-छोटे खण्डों व उपखण्डों में बांटकर पढने में आसान और Quick Accessible बना देते हैं। इससे न सिर्फ Readers को सहूलियत होती है। बल्कि Search Engines को भी काफी मदद मिलती है। यानि कि सर्च इंजन्स, Content के उस हिस्से को दिखा पाते हैं! जो User Intent के हिसाब से सबसे महत्वपूर्ण और Relevant होता है।

उदाहरण के लिए, अगर आप इस आर्टिकल को “On Page SEO Kya Hai?” कीवर्ड के साथ गूगल पर सर्च करेंगे! तो गूगल आपको पूरा आर्टिकल नहीं दिखाएगा। बल्कि सीधे “On Page SEO Kya Hai” सेक्शन पर ले जाएगा। क्योंकि गूगल के हिसाब से सिर्फ यही हिस्सा सबसे महत्वपूर्ण और Relevant है। अब जरा सोचिए कि अगर यह HTML Tag इस आर्टिकल में नहीं होता तो क्या होता? जाहिर-सी बात है गूगल इसकी बजाय कोई दूसरा आर्टिकल दिखाता, जिसमें यह Tag मौजूद होता।

How to optimize headers?

शायद उपरोक्त उदाहरण से आप अच्छी तरह समझ गए होंगे कि Search Engines के हिसाब से Headers या Body Tags कितने महत्वपूर्ण होते हैं? और इन्हें Optimize करना कितना जरूरी है? लेकिन सवाल यह है कि हैडर्स को Optimize कैसे करें? How to optimize headers? आइए, कुछ SEO Practices देखते हैं :-

  • मुख्य कीवर्ड (Focus Keyword) को हमेशा में H1 टैग (Title Tag) में शामिल करें।
  • टॉपिक से रिलेटेड महत्वपूर्ण कीवर्ड्स को H2 Tag में रखें। और बाकी Keywords को H3 और H4 Headings में रखें।
  • जहाँ तक संभव हो, H4 से नीचे (यानि कि H5 और H6) Headers का प्रयोग न करें। सिर्फ बहुत ज्यादा जरूरी हो, तभी उपयोग करें।

4. Meta Description

मेटा डिस्क्रिप्शन, पेज का संक्षिप्त विवरण होता है। जिसमें पेज के बारे में जानकारी होती है। यह Search Results में Title के नीचे दिखाई देता है। हालांकि यह Search इंजन्स के लिए कोई आधिकारिक Ranking Factor नहीं है। लेकिन यह आपके Clicks को प्रभावित करता है। यानि कि आप जितना Attractive Meta Description लिखते हैं! उतने ही ज्यादा Clicks मिलने की संभावना होती है। इसलिए, On-Page Seo में Meta Description का काफी अहम रोल होता है।

इसके अलावा जब आपके Content को Social Media पर Share किया जाता है! तो उसके Meta Description को भी सोशल मीडिया पर कॉपी किया जा सकता है। इसके लिए सरंचित मार्कअप का उपयोग किया जा सकता है। खैर, जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे। लेकिन मेटा डिस्क्रिप्शन की वजह से सोशल मीडिया पर यूजर्स द्वारा Click करने की संभावना बढ़ जाती है।

How to optimize meta description?

अब सवाल यह है कि मेटा डिस्क्रिप्शन को कैसे Optimize करें? How to optimize meta description? आइए, बिन्दुवार समझते हैं :-

  • Meta Description में 160 Characters से ज्यादा नहीं होने चाहिए। क्योंकि गूगल Snippet में अधिकतम 160 Characters ही दिखाई देते हैं। अगर आप इससे ज्यादा कैरेक्टर्स इस्तेमाल करेंगे तो वे दिखाई नहीं देगे। 
  • Meta Description में सिर्फ Focus Keyphrase को ही नहीं बल्कि Related Keyword को भी शामिल करें।
  • मेटा विवरण में Complete Sentences का प्रयोग करें। किसी भी वाक्य को अधूरा न छोड़ें।
  • मेटा विवरण में Alphanumeric और Special Characters का इस्तेमाल करने से बचें।

5. Image ALT Text

ईमेजेज के लिए Alt-Texts बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह न सिर्फ ईमेज के बारे में Information देता है। बल्कि ईमेज के लिए एक Alternative का काम भी करता है। यानि कि जब Image लोड नहीं होती है, तब ईमेज फाईल की जगह Alternative Text (ALT-Text) ही दिखाई देता है। इसके अलावा Screen Reader Softwares द्वारा भी इसे पढ़ा जाता है। यह दृष्टिहीन लोगों के लिए Image को समझने का एकमात्र तरीका होता है। इसीलिए Image ALT-Text को Optimize करना बहुत जरूरी है।

क्योंकि सर्च इंजन्स को भी ALT-Text से ही पता चलता है कि Image के अंदर क्या है? और उसका संबंधित Page तथा Content के साथ क्या संबंध है? जैसा कि आप सभी जानते हैं कि Google Image आधारित परिणामों के लिए Images को अलग से Index करता है। और इसके लिए ALT-Text Data की मदद लेता है। यानि कि गूगल के Bots Images के ALT-Text को पढ़ते हैं। और उसी के आधार पर इमेज को Index करते हैं।

इसका मतलब यह है कि यूजर्स आपकी Website को Images के जरिए भी खोज सकते हैं। मगर इसके लिए आपको अपनी Website पर मौजूद सभी Images के लिए Alt Text लिखना होगा। साथ ही उन्हें सर्च इंजन के अनुसार ALT-Text Optimization करना होगा। तभी आपकी Images Top पर दिखाई देंगी।

How to optimize image alt-text?

इमेज ALT Text सबसे महत्वपूर्ण On Page SEO Techniques में से एक है। इमेजेज के लिए Alt-text Add करते वक्त आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए। On-Page SEO Best Practices For ALT Text :-

  • इमेज, आपके टॉपिक और पेज कॉन्टेंट से Related होनी चाहिए। और Alt Text वर्णनात्मक और विशिष्ट होना चाहिए।
  • Alt Text में इमेज के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए कि इमेज के अंदर क्या है? और उसका पेज तथा Page Content के साथ क्या संबंध है?
  • Alt-Text में 125 Characters से ज्यादा नहीं होने चाहिए।
  • Alt Text में Keywords का प्रयोग जरूर करें।

6. Structued Markup

संरचित मार्कअप या Structured Data आपकी वेबसाइट के Source Code को Markup करने की एक प्रक्रिया है। इसके जरिए आपके Content के विभिन्न तत्वों को ढूंढना और समझना आसान हो जाता है। Structured Markup उन चुनिंदा Featured SnippetsKnowledge Pannel और अन्य Content Features की कुंजी है, जिन्हें आप Google पर Search करते वक्त देखते हैं।

स्ट्रक्चर्ड मार्कअप, Content के छोटे-छोटे तत्वों को समझने और Rich Search Results दिखाने में मदद करता है। यह आपकी वेबसाइट और Webpages को बारीकी से समझने में मदद करता है। यानि कि Page के बारे में बहुत सारी उपयोगी जानकारी देता है। जैसे कि पेज का प्रकार, लेखक का नाम, प्रकाशक का नाम, प्रकाशन का समय व तारीख, Products के Varients, Price, रेटिंग आदि।

Structured Markups Optimization

स्ट्रक्चर्ड मार्कअप डाटा को Optimize करके आप अपने पेजेज को Rich Search Results में दिखा सकते हैं। और ज्यादा Space (सर्च रिजल्ट्स में) और ज्यादा Traffic ले सकते हैं। लेकिन कैसे? How to optimize structured markups? तो इसके लिए आप निम्न SEO Practice को अपना सकते हैं :-

  • वेबसाइट के प्रत्येक पेज में Schema Data जोड़ें। यानि कि पेज के बारे में सर्च इंजन्स को बताऐं कि वह एक ब्लॉग-पोस्ट है, Product Page है, News Article है या कुछ और? ताकि गूगल आपके पेज को सही यूजर्स को दिखा सके।
  • प्रत्येक पेज का नाम (शीर्षक), लेखक का नाम, प्रकाशक का नाम, प्रकाशित करने की तारीख व समय, Modify करने की तारीख व समय आदि जरूर Add करें।
  • प्रोडक्ट पेज के लिए Product का नाम, वेरिएंट (कलर, साइज आदि के आधार पर) और Price जरूर एड करें।

7. Page URLs

आपके Page URLs छोटे, स्पष्ट व SEO-Friendly होने चाहिए। साथ ही रीडर्स और सर्च इंजन्स दोनों के लिए आसान होने चाहिए। क्योंकि जब आप Subpages या Subfolders, Sub-Categories, ब्लॉग पोस्ट्स और अन्य प्रकार के आंतरिक Pages बनाते हैं! तो आपकी Site Hierarchy को सुसंगठित रखने में URLs की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं।

अपनी वेबसाइट के Permalink Structure पर ध्यान दें। अगर उसमें Category शब्द, Category का नाम, तारीख और समय जैसी चीजें हैं! तो उन्हें हटाऐं। और उनकी जगह सिर्फ Site URL/Category Name/Post URL रखें। यानि कि आपका Permalink Structure कुछ इस तरह होना चाहिए:- https://amanshantinews.com/seo/on-page-seo-kya-hai. यहाँ सबसे पहले Site URL या डोमेन नेम है। उसके बाद SEO एक कैटेगरी है। और On-Page Kya Hai एक ब्लॉग-पोस्ट है।

How to optimize Page URLs?

यहाँ SEO-Friendly Page URLs बनाने के लिए कुछ SEO Practices बताई गई हैं। आप इन्हें फॉलो करके अपने Page URLs को बेहतर बना सकते हैं:

  • पेज यूआरएल में Focus Keywords का होना जरूरी है। इसीलिए प्रत्येक पेज के यूआरएल में Focus Keyphrase को जरूर शामिल करें।
  • पेज यूआरएल में Unnecessary, Stop Words और Special Characters का प्रयोग न करें।
  • पेज URLs को हमेशा अंग्रेजी (रोमन लिपि) में ही लिखें।
  • जहाँ तक संभव हो, URLs के लिए हमेशा HTTPS का उपयोग करें। क्योंकि Google इसे एक सकारात्मक रैंकिंग कारक के रूप में उपयोग करता है।

8. Internal Linking

आपको बताना चाहूँगा कि Internal Linking On-Page SEO के सबसे महत्वपूर्ण चरणों में से एक है। यह आपकी वेबसाइट के Important Pages और उनके परस्पर संबंध को समझने में Search Engines की मदद करता है। साथ ही नये Pages को Link Juice और Value Distribute करता है। अगर आसान भाषा में कहें तो Internal Linking वेबसाइट के आंतरिक पेजों को Hyperlink करने की एक प्रक्रिया है।

उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि मैं इस पेज (On-Page SEO Kya Hai) को लिंक करना चाहता हूँ। लेकिन सिर्फ SEO से रिलेटेड पेज के साथ। क्योंकि यह पेज एसईओ से रिलेटेड है। इसीलिए मेरा पुराना आर्टिकल SEO Kya Hai इसके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त रहेगा। क्योंकि दोनों की कैटेगरी और विषयवस्तु एक है। इसीलिए मैं इस पेज को SEO Kya Hai पेज के साथ ही Link करूँगा।

अगर साइट के आंतरिक Pages को सही ढंग से Link किया जाए! तो यह एक वेबसाइट के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि यह आपके पाठकों को लम्बे समय तक रोककर (Engaged) रखने में मदद करता है। साथ ही Bounce Rate कम करने में मदद करता है। इस प्रकार यह Google को बताता हैं कि आपकी साइट कितनी यूजर्स के लिए कितनी सहायक और उपयोगी है।

Internal Linking Optimization

इंटरनल लिंकिंग का मतलब सिर्फ आर्टिकल्स के बीच दूसरे आर्टिकल्स के Link Add करना नहीं है। बल्कि पेजेज को Rank व Value के आधार पर जोड़ने की एक Strategy है। इसीलिए Internal Linking के दौरान निम्न बातों का ध्यान रखें :-

  • सिर्फ समान कैटेगरी वाले पेजों को ही Internally Link करें। ऐसे पेजों को लिंक न करें, जिनका आपस में कोई लेना-देना नहीं है।
  • सबसे महत्वपूर्ण पेज को सबसे उपर लिंक करें। उसके बाद कम Value वाले पेज को बीच में, और सबसे कम Value वाले पेज को सबसे नीचे लिंक करें।
  • Internal Linking का स्ट्रक्चर ऐसा होना चाहिए कि सभी पेजेज तक आसानी से पहुंचा जा सके।

9. Mobile Responsiveness

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आजकल ज्यादातर लोग मोबाइल के जरिए Internet यूज करते हैं। और सबसे ज्यादा संख्या भी Mobile Internet Users की ही है। इसलिए Google उन वेबसाइटों को विशेष प्राथमिकता देता है, जो Mobile पर तेजी से खुलने और चलाने के लिए अनुकूलित (Optimized) की गई हैं। साथ ही Desktop Search के लिए भी।

चूँकि आजकल मोबाइल प्रतिक्रिया काफी मायने रखती है। इसलिए Web Hosting, साइट डिज़ाइन, थीम, Layout और Content Managemet Services (CMS) का चुनाव भी Mobile को ध्यान में रखकर करना चाहिए। जो मोबाइल उपकरणों को अच्छे-से Support करें। हालांकि वैसे तो यह एक Technical SEO का Part है। लेकिन On-Page SEO में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

On-Page Optimization For Mobile

अगर आप अपनी वेबसाइट को मोबाइल के अनुसार Optimize करना चाहते हैं! तो Google के Mobile Friendly Testing Tool का उपयोग कर सकते हैं। और अपनी Website का Layout Responsive तथा Mobile Friendly बना सकते हैं। इसके अलावा आप निम्न SEO Practices को आजमा सकते हैं :-

  • अपनी वेबसाइट के लिए एक अच्छे AMP Tool का उपयोग करें।
  • प्रत्येक पेज के लिए एक Custom AMP Version या मोबाइल वर्जन बनाऐं। जिसमें Heavy Elements न हों।
  • एएमपी वर्जन में ऐसे Elements को न रखें, जो मोबाइल पर ठीक-से प्रदर्शित नहीं हो सकते।
  • आपके एएमपी पेजेज, Fast, Lightweight और तुरंत लोड होने वाले होने चाहिए।

10. Site Speed

हालांकि वैसे तो Site Speed भी Technical SEO का ही एक पार्ट है। लेकिन यह On-Site SEO की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। भले ही आपकी Website मोबाइल पर देखी जा रही हो या डेस्कटॉप पर! उसे शीघ्रता से लोड होने में सक्षम होना चाहिए। On-Page Optimization In SEO में PageSpeed बहुत मायने रखती है।

क्योंकि Google सबसे पहले User Experience की परवाह करता है। इसीलिए अगर आपकी वेबसाइट धीरे Load होती है तो संभव है कि आपकी Website पर कम Traffic आए। और Bounce Rate बढ़ जाऐ। इसके अलावा, साइट की गति Conversations और ROI को भी प्रभावित करती है।

How to optimize site speed?

आप Google के PageSpeed Insights टूल की मदद से अपनी वेबसाइट की Speed Test कर सकते हैं। और पता लगा सकते हैं कि कौन-कौनसे Pages Slow हैं और क्यों? यानि कि गूगल आपको उन Elements के बारे में विस्तार से बताएगा, जो आपकी वेबसाइट को Slow बना रहे हैं। आप इन Elements को हटा सकते हैं, कम कर सकते हैं या फिर Optimize कर सकते हैं। हम जल्द ही इस इस विषय पर एक आर्टिकल प्रकाशित करेंगे, जिसमें सिर्फ PageSpeed बढ़ाने के तरीकों पर बात करेंगे।

On-Page SEO : FAQ’s 

Q1. On-Page SEO क्या है?

A : On-Page SEO या On-Site SEO एक वेबसाइट की सर्च इंजन रैंकिंग (SERP Ranking) बढ़ाने और Organic Traffic अर्जित करने के लिए वेबपेजों को अनुकूलित करने की एक प्रक्रिया है।

Q2. On-Page SEO क्यों जरूरी है?

A : ऑन-पेज एसईओ, आपकी वेबसाइट और उसके कॉन्टेंट को समझने में Search Engines की मदद करता है। साथ ही वेबसाइट उच्च Rank और Organic Traffic दिलाने में मदद करता है। इसीलिए एक वेबसाइट के लिए On-Page SEO बहुत जरूरी है।

Q3. On-Page SEO Vs Off-Page SEO में क्या अंतर है?

A : On-Page SEO उन रैंकिंग कारकों को संदर्भित करता है, जिन्हें आप अपनी वेबसाइट पर नियंत्रित करते हैं। अर्थात् जो Optimization आप अपनी वेबसाइट पर करते हैं, वह ऑन-पेज एसईओ होता है। जैसे कि Page Title लिखना, URL बनाना आदि। जबकि Off-Page SEO आपकी वेबसाइट से परे (दूसरी वेबसाइट) पर किया जाने वाला Optimization है। जैसे कि Guest Posting करना, Backlinks लेना आदि।

Q4. मैं अपने OnPage SEO को कैसे सुधार सकता हूँ?

A : आप निम्नलिखित SEO Practice के जरिए अपने OnPage SEO को सुधार सकते हैं :-

  • हमेशा Useful, Unique तथा Informative Content लिखें। और उसे सर्च इंजन्स के अनुसार Optimize करें।
  • संक्षिप्त, वर्णनात्मक तथा SEO Friendly Page URLs का उपयोग करें।
  • अनुकूल Title Tags बनाऐं।
  • आकर्षक Meta Description लिखें।
  • Headers को अनुकूलित करें।
  • Target Keyword का इस्तेमाल करें। 
  • पहले 100 शब्दों में Target कीवर्ड का प्रयोग करें।
  • Title 60 Characters से लम्बा न हो। 
  • Meta Description 160 Characters से कम रखें। 
  • Proper Internal Linking करें। 

Q5. आपके पेज को रैंक करने में Google को कितना समय लगता है ?

A : इसका कोई सटीक जवाब नहीं है। क्योंकि आपके पेज को Rank करने में Google को कुछ घंटों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है। दरअसल इसके पीछे कई सारे Ranking Factors होते हैं, जो आपके कंटेन्ट को रैंक करने में मदद करते हैं। इनमें Content की Quality, On-Page SEO, Site Speed और Mobile Usability जैसे Factors शामिल हैं। इसलिए अगर आप अपनी Website को जल्दी रैंक कराना चाहते हैं! तो नया, अनोखा और Controversial Content लिखिए। और अच्छे-से उसका On-Page SEO कीजिए। 

On-Page SEO : Summary

कुल मिलाकर, On-Page SEO या On-Site SEO एक वेबसाइट के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह वेबसाइट की Ranking और Traffic को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। इसीलिए जो लोग (BloggersSEOs, Businesses) अपनी Website को Google के पहले पेज देखना चाहते हैं! वे अपनी वेबसाइट का On-Site SEO जरूर करें। इस पोस्ट में मैंने On-Site SEO के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। साथ ही यह भी समझाया है कि On Page SEO Kaise Kare? लेकिन यह सिर्फ एक बेसिक परिचय था।

असल में, ऑन-पेज एसईओ या On-Site SEO एक बहुत ही विस्तृत टॉपिक है। जिसमें कई सारे Ranking Factors शामिल हैं। यहाँ आपने सिर्फ कुछ Basic और महत्वपूर्ण Ranking Factors के बारे में जाना। लेकिन आने वाले आर्टिकल्स में आप On-Site SEO के एक-एक Factor के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसीलिए अगर आप On-Site SEO के एक-एक फैक्टर को विस्तार से समझना चाहते हैं! तो Sevilink.com को सब्सक्राइब कर लीजिए। ताकि जब भी हम On-Page SEO Series शुरू करें, आपको नोटीफिकेशन मिल जाए।

उम्मीद है, इस आर्टिकल के जरिए आपको On-Page SEO Kya Hai? और On-Page SEO Kaise Kare? इस विषय में उपयोगी जानकारी मिली होगी। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया, तो इसे Like और Share कीजिए। और SEO व Blogging से जुड़ी प्रत्येक जानकारी के लिए Sevilink को सब्सक्राइब कर लीजिए। ताकि जब भी हम कोई नया आर्टिकल पब्लिश करें, आपको सूचना मिल जाए।

Follow Aman Shanti News @ Google News