On page SEO क्या हैं, जाने 2024 मैं प्रमुख Top 13 ऑन पेज एसईओ तकनीक?
on-page SEO – जो सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की एक टेक्निक्स हैं जिसके जरिये हम अपनी वेबसाइट का ऑन पेज ऑप्टिमाइजेशन करते है। तो आज हम आपको इस आर्टिकल मैं On Page SEO क्या हैं, तथा इसके प्रमुख तकनीक के बारे मैं बताने जा रहे हैं।
इन तीन भागों में से on page SEO techniques एक हिस्सा हैं । जिसमें हम अपने वेबसाइट के on the page ऑप्टिमाइजेशन को अनुकूलित बनाते हैं ।
On page search engine optimization क्या हैं, (on page SEO in Hindi )-
On page सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन जिसमें हम अपने पेज पर जो भी बदलाव करते हैं वो सभी बदलाव on page SEO के अंतर्गत आते हैं ।
ऑन पेज ऑप्टिमाइजेशन जिसके नाम से ही पता चल रहा हैं की हमें ऑप्टिमाइजेशन करना हैं, वो भी on the पेज पर, मतलब जो भी बदलाव हम अपने पेज पर करते हैं वो ऑन पेज एसईओ के अंतर्गत आता हैं ।
SEO जिसमें 200 से ज्यादा तकनीक सामिल हैं, इन techniques को तीन भागों में विभाजित किया गया हैं, जो optimization on the पेज होते हैं उनको on page SEO के अंतर्गत रखा जाता हैं, तथा जो optimization off the पेज होते हैं वो ऑफ पेज seo के अंतर्गत आता हैं, तथा जो optimization technically होते हैं वो टेक्निकल SEO के अंतर्गत आते हैं ।
इसे भी पढ़े – SEO के तीन टेक्निक्स- ब्लैक हैट SEO, वाइट हैट SEO, ग्रे हैट SEO.
ऑन पेज एसईओ तकनीक की लिस्ट ( on page seo techniques in hindi)-
ऑन पेज SEO जिसके अंतर्गत कई सारी टेक्निक्स / फैक्टर आते हैं, जिनमें से आज हम आपको top 13 On page seo factor in Hindi, के बारे मैं बताएंगे, जिनकी लिस्ट इस प्रकार हैं –
- Meta title optimization
- Meta description optimization
- Keyword optimization
- Heading tag optimization
- Content optimization
- EEAT optimization
- Semantic SEO
- Image optimization
- Internal link optimization
- External link optimization
- URL structure optimization
- Local SEO optimization
- Voice search optimization
1. Meta title optimization-
मेटा टाइटल ऑप्टिमाइजेशन जो ऑन पेज एसईओ का एक महत्पूर्ण हिस्सा हैं, इसमें हमें अपने टाइटल को ऑप्टिमाइज़ करना होता हैं, meta title जिसे हम title tag तथा page title के नाम से भी जानते हैं।
Title tag को ऑप्टिमाइज़ करना हमारे लिए बहुत जरुरी हैं। अगर हमारा title optimize होगा तो click through rate मैं वृद्धि हो सकती हैं।
SEO के लिए परफेक्ट मेटा टाइटल कैसे लिखें ( how to write a perfect title in Hindi ) –
- Title की length हमेशा 50 से 64 characters तक रखें ।
- Meta title को हमेशा attractive बनाना हैं, जिससे CTR मैं वृद्धि हो सकती हैं।
- Primary keyword का उपयोग हमेशा title की शुरुवात मैं करें ।
- Title testing tool की सहायता सिर्फ मशवरे के लिए लें । खुद देखें की वो title optimize हैं या नही ।
- Title को इस प्रकार से बनाए की पता चल जाना चाहिए की पेज किस बारे में हैं ।
- Title मैं किसी भी वर्ड को 2 बार से अधिक repeat न करें ।
- Title मैं कभी भी keyword stuffing न करें ।
2. Meta description optimization –
Meta description जो हमारे पेज का डिस्क्रिप्शन होता हैं, इस विवरण मै हम अपने पेज का सम्पूर्ण वर्णन लिखते हैं । यह डिस्क्रिप्शन SERP पर तथा snippet मैं शो होता हैं। मेटा डिस्क्रिप्शन को ऑप्टिमाइज़ करना हमारे लिए बहुत जरुरी हैं, क्योकि यह एक ऐसी चीज हैं जिससे click through rate मैं वृद्धि हो सकती हैं ।
SEO के लिए परफेक्ट मेटा डिस्क्रिप्शन कैसे लिखें ( tips for meta description in Hindi )-
- Meta description की length हमेशा 150 से 160 characters तक रखें।
- इसमें किसी भी वर्ड को 2 या 3 बार से अधिक repeat न करें।
- मेटा विवरण मैं USP ( Unique selling point ) का उपयोग करें।
- Meta विवरण मैं primary keyword का इस्तेमाल जरूर करें ।
- मेटा विवरण मैं keyword स्टफिंग न करें, पेज विवरण को descriptive बनाए।
- हर पेज के लिए अलग-अलग मेटा विवरण लिखें ।
मेटा डिस्क्रिप्शन का उदाहरण –
3. Keyword optimization –
Keyword जो हमेशा से ही सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन की एक महत्वपूर्ण कड़ी रही हैं । कीवर्ड एक ऐसी चीज हैं जिससे पता चलता है हमारा पेज किस टॉपिक ( query ) के लिए बना हैं ।
अगर सीधे शब्दों में बताए तो keyword के base पर ही हमारे पेज को judge किया जाता हैं, की वो किस keyword पर रैंक होगा ।
कीवर्ड को कैसे ऑप्टिमाइज़ करें ( tips for keyword optimization in Hindi ) –
- अपने पेज की स्टार्टिंग मैं primary keyword को put करें।
- ऐसे keywords को फाइंड करें जिनका सर्च वॉल्यूम हाई हो तथा कीवर्ड डिफिकल्टी कम।
- अपने पेज को multiple keywords के लिए optimize करें।
- Keyword density पर ध्यान न दे, Naturally keyword को पुट करें ।
- H1 heading tag मैं primary keyword को put करें ।
4. Heading tag optimization –
Heading optimization एक ऐसा ऑप्टिमाइजेशन हैं जिसे बहुत लोग नजरअंदाज करते हैं, लेकिन यह एक बहुत ही crucial factor हैं, जिसे अनुकूलित करना हमारे लिए बहुत जरूरी हैं ।
अगर हेडिंग tag की बात की जाए तो एक पेज मैं 6 heading tag होते हैं – H1 tag, H2 tag, H3 tag, H4 tag, H5 tag और H6 tag.
SEO के लिए Heading tags को कैसे ऑप्टिमाइज़ करें – ( how to optimize heading tags in hindi ) –
- H1 heading tag मैं हमें अपना primary keyword put करें, H1 heading tag और पेज title को same न रखें ।
- सभी Heading tags मैं naturally keywords put करें।
- हैडिंग टैग मैं long tail कीवर्ड का इस्तेमाल करें।
- हैडिंग टैग को descriptive बनाए।
5. Content optimization –
कंटेंट ऑप्टिमाइजेशन एक ऐसी तकनीक हैं, जिसमें हमें अपने कंटेंट को SEO फ्रेंडली बनाना होता हैं। इस ऑप्टिमाइजेशन मैं कई चीजे शामिल हैं। जैसे – quality content, speling error, descriptive content, easy to understanding. इतियादी।
कंटेंट को SEO के लिए कैसे ऑप्टिमाइज़ करें – ( How to Optimize Content for SEO in hindi ) –
- अपने कंटेंट को voice search के लिए ऑप्टिमाइज़ करें।
- अपने कंटेंट मैं लॉन्ग टेल कीवर्ड्स का इस्तेमाल करें।
- अपने कंटेंट मैं paragraph break का इस्तेमाल करें।
- अपने कंटेंट मैं बुलेट्स पॉइंट्स का इस्तेमाल करें, जिससे सर्च रिजल्ट्स पर apperence की सम्भावना बड़े।
- अपने कंटेंट मैं FAQs question को add करें।
- अपने कंटेंट को different format मैं क्रिएट करें, जैसे – text, image, video, podcast, inforgraphic. इतियादी।
6. EEAT optimization-
EEAT जिसका फुल फॉर्म Experience, Expertise, Authority, Trustworthiness हैं। EAT जिसको गूगल ने 2014 मैं लॉन्च किया, गूगल ने इसे search की quality guidelines के अंतर्गत रखा।
गूगल ने EAT algoritham को 15 दिसंबर 2022 को EEAT मैं कन्वर्ट करा था। अब EAT मैं एक और वर्ड जुड़ गया हैं वह हैं Experience.
Part of EEAT-
- Experience
- Expertise
- Authoritativeness
- Trustworthiness
Experience -यह EAT के कांसेप्ट मैं हुआ एक बदलाव हैं, जिसमें हमने जो कंटेंट लिखा हैं उसे एक अनुभव के साथ लिखा होना चहिए । इस टेक्निक्स के अंतर्गत गूगल इस टाइप के कंटेंट को डूडता हैं जिसे खुद अनुभव करके तथा महसूस करके लिखा गया हो ।
Expertise- इसमें आपका कंटेंट इस तरह से लगना चाहिए की जैसे किसी expert ने लिखा हैं। expertise का सीधा सम्बन्ध कंटेंट लिखने वाले राइटर से हैं।
अगर आपको अपने expertise वाले टर्म को मजबूत करना हैं तो आपको about us वाले पेज मैं अपने अनुभव के बारे मैं विस्तार से बताना होगा।
Authoritativeness- , इसमें हमने जो कंटेंट लिखा हैं उसमें हमारा अधिकार हैं या नहीं वो authority के अंतर्गत आता हैं। इसका सम्बन्ध website, main content, writer तीनो से हैं। इसको कई हिंट के साथ गूगल masure करता हैं।
Trustworthiness- इसका सीधा सम्बन्ध भरोसे से हैं, जब लोग आपपर भरोसा करिंगे तभी वो अपने आप को secure समझेंगे। आप जो भी आकड़े अपनी वेबसाइट पर डालते हैं वो करेक्ट होने चहिये। जिससे लोगो का आपपर भरोसा बना रहें।
7. Semantic SEO –
Semantic SEO जिसे गूगल ने 2013 मैं hummingbird algorithm के साथ लॉन्च किया था ।
Semantic SEO जिसमें हमें अपने कंटेंट को in depth ( गहराई के साथ ) लिखना होता हैं। गूगल का ये कहना हैं कि अगर आपका कंटेंट किसी keyword पर गहराई के साथ information दे रहा हैं तो हम उस कंटेंट को ज्यादा prefer करेंगे ।
उदाहरण _
मान लीजिए आप SEO पर कोई कंटेंट लिख रहे हैं, तो आपने इस कंटेंट मैं SEO के बारे में in depth मैं पूरी जानकारी दी हैं, जैसे SEO क्या हैं, यह कैसे काम करता हैं, इसके कितने टाइप्स हैं, इसमें फ्यूचर स्कोप इतियादी।
फलसरूप आपके कंटेंट को priority मिलेगी। मतलब आपका कंटेंट semantic SEO के किए पूरी तरह से ऑप्टिमाइज हैं ।
8. Image optimization –
इमेज ऑप्टिमाइजेशन जिसे हमें optimize करना बहुत जरूरी हैं, इमेज ही एक ऐसी चीज हैं जो चीजों को attractive बनाती हैं ।
अगर image searches की बात की जाए तो google lens उसका एक सबसे बड़ा उदाहरण हैं। Google lens जिसमें 2019 तक 1 अरब से ज्यादा question पूछे जा चुके हैं ।
गूगल लेंस जिसमें आप images के थ्रू चीजों को सर्च करते हैं । अगर देखा जाए तो image searches के आंकड़ों में दिन प्रति दिन वृद्धि हो रही हैं । जिसके कारण images का ऑप्टिमाइजेशन एक जरूरी हिस्सा बन चुका हैं ।
SEO के लिए इमेज को कैसे ऑप्टिमाइज करें ( tips for image optimization in Hindi ) –
- इमेजेस के साइज को मोबाइल डिवाइस तथा डेक्सटॉप के लिए ऑप्टिमाइज करें ।
- इमेज के साइज को कम से कम रखें, जिसके कारण वह जल्दी लोड हो सके ।
- इमेज के URL मैं अपना प्राइमरी कीवर्ड put करें।
- इमेज के साइज को fixed कर ले, जिसके फलस्वरूप layout shifting होने की संभावना कम रहेगी ।
- इमेज के alt tag मैं अपना प्राइमरी कीवर्ड put करें, तथा हर एक इमेज पर alt tag जरूर डालें ।
- इमेज के फॉर्मेट को jpg या webp फॉर्मेट मैं रखें।
- इमेजेस को इंफोग्राफिक के टाइप में क्रिएट करें, जिससे CTR रेट इंक्रीज होने की संभावना रहती हैं ।
9. Internal link optimization –
Internal linking एक ऐसा फैक्टर हैं, जिसकी बातें तो बहुत कम होती हैं पर यह एक क्रूशियल फैक्टर है।
इंटरनल लिंकिंग मैं हम अपने ही वेबसाइट मैं लिंक पास करते हैं। जैसे- हमारी वेबसाइट का एक पेज हैं, what is digital marketing, इस पेज हैं हमने अपनी वेबसाइट के what is SEO वाले पेज का लिंक डाला हैं । तो यह लिंक इंटरनल लिंक कहलाता हैं ।
इंटरनल लिंकिंग करने का बेस्ट तरीका ( tips for internal linking in hindi ) –
- जब भी आप किसी पेज मैं इंटरनल लिंकिंग करते हैं , तो दोनो pages मैं relevancy होनी चाहिए ।
- इंटरनल लिंकिंग के जरिए आप page authority को पास कर सकते हैं ।
- Internal linking मैं ज्यादा authority वाले पेज से कम authority वाले पेज को link दें।
- इंटरनल लिंकिंग मैं silo structure का यूज करें ।
- इंटरनेट लिंकिंग करते समय anchor text मैं कीवर्ड का यूज करें ।
- इंटरनल लिंक मैं do follow बैकलिंक का यूज करें ।
10. External link optimization –
एक्सटर्नल लिंक वो लिंक होते जो हमारे वेबसाइट से बाहर जाते हैं । इन लिंक्स का भी ऑप्टिमाइजेशन हमारे लिए बहुत जरूरी हैं ।
एक्सटर्नल लिंकिंग मैं हम अपनी वेबसाइट से दूसरे की वेबसाइट मैं link को refer करते हैं ।
जैसे – हमारी वेबसाइट पर एक link लगा हैं, best SEO tool. जब यूजर ने इस लिंक पर क्लिक किया तो वो हमारी वेबसाइट से किसी दूसरे की वेबसाइट मैं गया । तो इसी प्रकार ले लिंक को एक्सटर्नल लिंकिंग कहते हैं ।
एक्सटर्नल लिंकिंग करने का बेस्ट तरीका ( external linking best practices in Hindi ) –
- एक्सटर्नल लिंकिंग करते समय एक बात का ध्यान रखें की आप जिस वेबसाइट को लिंक refer कर रहें हैं, क्या वो वेबसाइट आपकी वेबसाइट से relevancy रखती हैं ।
- जब भी आप किसी वेबसाइट को link refer करते हैं, तो उस वेबसाइट का spam score जरूर चेक करें ।
- 25-30% से ज्यादा स्पैम स्कोर वाले website के साथ न जुड़े।
- High domain authority वाले websites के साथ जुड़े ।
- एक्सटर्नल लिंकिंग करते समय anchor text का ध्यान रखें ।
11. URL structure optimization –
URL optimization जिसमें हमें URL के structure को SEO friendly बनाना होता हैं । ये optimization सर्च इंजन पर रैंकिंग के लिए बहुत जरूरी हैं ।
SEO Friendly URL कैसे बनायें (How to Create SEO Friendly URL in Hindi)-
- अपने URL को शॉर्ट तथा डिस्क्रिप्टिव बनाए।
- अपने URL की length को 50-60 characters के बीच रखें ।
- जब आप URL क्रिएट करते हैं तो उसकी लेंथ 3-6 वर्ड के बीच में रखें ।
- अपने URL मैं कीवर्ड का इस्तेमाल करें ।
- अपने URL को lowercase letter मैं रखें ।
- अपने URL मैं hyphen (-) का यूज करें ।
- अपने URL मैं डेट तथा नंबर को avoid करें।
12. Local SEO optimization –
लोकल SEO एक ऐसा ऑप्टिमाइजेशन हैं जिसमें हम अपने वेबसाइट को locally optimize करते हैं ।
Local SEO मैं हमें अपने website को लोकल एरिया के लिए ऑप्टिमाइज करना होता हैं । इस ऑप्टिमाइजेशन से हम local area मैं proper तरीके से डिजिटल मार्केटिंग कर सकते हैं ।
लोकल SEO कैसे करें ( how to do local seo in hindi ) –
- Local SEO करने के लिए आपको सबसे पहले ऑनलाइन बिजनेस प्रोफाइल जैसे – google my business, Bing places for business. इतियादी मैं अपनी बिजनेस प्रोफाइल क्रिएट कर लें ।
- Local business करने के लिए आपको अपने बिजनेस के बारे हर एक जानकारी लोगो को देनी होगी ।
- Local business मैं आपको ज्यादा से ज्यादा reviews collect करने हैं, जिससे लोगो का आपपर भरोसा बने ।
- अपनी वेबसाइट को mobile friendly बनाए, क्योंकि मोबाइल के द्वारा लोकल SEO रिलेटेड कंटेंट को ज्यादा सर्च किया जाता हैं ।
- लोकल एरिया से रिलेटेड कंटेंट क्रिएट करें ।
13. Voice search optimization-
Voice सर्चिंग जो धीरे धीरे – वृद्धि कर रही हैं । जिसके कारण हमें अपने वेबसाइट को voice सर्च के लिए ऑप्टिमाइज करना जरूरी बन जाता हैं ।
अगर voice search के आंकड़ों की बात करें तो दुनिया के टोटल पॉपुलेशन मैं से 27 % लोग वॉइस सर्च का उपयोग करते हैं । और ये आंकड़ा दिन प्रति दिन बड़ रहा हैं ।
अपने वेबसाइट को वॉइस सर्च के लिए कैसे ऑप्टिमाइज़ करें – ( Voice Search Optimization Best Practices in hindi ) –
- अपने वेबसाइट मैं long tail keyword का इस्तेमाल करें ।
- Headings मैं voice search के जरिए पूछे जाने वाले questions को पुट करें ।
- अपनी वेबसाइट मैं स्कीम मार्कअप का यूज करें ।
- अपनी वेबसाइट के पेज स्पीड को ठीक रखें ।
- अपने कंटेंट मैं conversational ( informal ) language का यूज करें ।
क्या वेबसाइट के लिए on page seo जरूरी है –
SEO एक ऐसी टेक्नीक्स हैं, जिसमें कई सारे फैक्टर मौजूद हैं । और उन techniques को तीन भागों में विभाजित किया गया हैं, उनमें से on page SEO एक भाग हैं ।
इसलिए ऑन पेज SEO का महत्व हमारे वेबसाइट के लिए बहुत जरूरी हैं । On page SEO ही एक ऐसा फैक्टर हैं जिससे हमारे कंटेंट के बारे में पता चलता हैं की हमारा कंटेंट किस बारे में हैं, और किस keyword पर वो रैंक करेगा ।
कभी-कभी ऐसी परिस्थिति होती हैं, की आप सिर्फ on page के दम पर ही रैंक कर जाते हैं, और इन परिस्थितियों को मैने एक ब्लॉगर होने के नाते face किया हैं।
यह scenario तब बनते हैं जब आप low competition वाले niche मैं हो । इन scenario मैं आपके वेबसाइट का सिर्फ on page SEO better होना चाहिए, आप रैंक कर सकते हैं।
ऑन पेज SEO से रिलेटेड FAQs question-
क्या सिर्फ on page SEO करके हम अपनी वेबसाइट को रैंक करा सकते हैं?
इसका उत्तर हैं नहीं, हमें सर्च इंजन रिजल्ट्स पेज पर रैंकिंग करने के लिए on page, के साथ – साथ off page SEO, तथा technical SEO भी करना पड़ता है।
On page SEO और off page SEO मैं क्या अंतर हैं?
ऑन पेज SEO जिसमें वो टेक्निक्स शामिल हैं जो on the page ( पेज पर ) होते हैं वो on page seo के अंतर्गत आते हैं। और ऑफ पेज SEO जिसमें वो टेक्निक्स शामिल हैं जो off the page ( हमारी वेबसाइट से बाहर ) होते हैं वो ऑफ पेज SEO के अंतर्गत आते हैं।
ऑन पेज SEO ज्यादा इंपोर्टेंट हैं या ऑफ पेज SEO?
वैसे तो ऑन पेज SEO और ऑफ पेज SEO दोनो ही इंपोर्टेंट हैं । पर कुछ scenario मैं जहां आपके कीवर्ड का कंपटीशन कम हो वहां आप बिना backlinks के भी रैंक कर सकते हैं । लेकिन आपका ऑन पेज SEO बेहतर होना चाहिए।
ऑन पेज SEO audit क्या है?
ऑन पेज SEO ऑडिटिंग एक ऐसी तकनीक हैं जिसके जरिये हम किसी भी पेज का ऑन page SEO स्कोर चेक कर सकते हैं। ऑन पेज SEO स्कोर को कई सारे tools के द्वारा चेक किया जाता हैं, जैसे – SEM rush, moz, wincher, seobility.
निष्कर्ष –
आसा होगी कि आप सभी को ऑन पेज SEO के बारे में बता चल गया होगा की on page SEO क्या हैं, यह क्यो जरूरी हैं, तथा इसके techniques क्या हैं ।
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