नशा मुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तरूण सक्सेना के दिशा-निर्देशन में सेंट पीटर्स स्कूल/कॉलेज स्थित छजलापुर, रायबरेली में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन ड्रग्स, धूम्रपान व मद्यपान के उन्मूलन हेतु संवेदीकरण के विषय पर किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनुपम शोर्य की अध्यक्षता में किया गया। इस शिविर का संचालन शिक्षिका रेखा श्रीवास्तव द्वारा किया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि समाज में फैलते युवाओं में नशे को रोकने के लिए इस शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में डॉ० योगेन्द्र कटियार द्वारा बताया गया कि मादक द्रव्यों के सेवन व नशीली दवाओं की रोकथाम एवं निकोटीन तंबाकू की लत को बनाये रखता है जो विकलांगता और समय से पहले एक मौत का कारण है। 
 
शिविर के दौरान संजीव सिंह, आबकारी निरीक्षण द्वारा बताया गया कि नशे के प्रति विभाग द्वारा सभी आयु के लोगों को खासकर युवाओं को शराब पीने, धूम्रपान करने, नशीला दवाएं, तम्बाकू, गुटखा की लत को छुड़वाये जाने पर जोर दिया गया और इसी अभियान के तहत नशे के आदी लोगों को पहचान कर उन्हें इसके दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी गयी। इस शिविर की अध्यक्षता कर रहे अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अनुपम शौर्य द्वारा बताया गया कि भारतीय संविधान में अनुच्छेद 47 के तहत राज्य औषधीय प्रयोजनों को छोड़कर मादक पेय और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक दवाओं के सेवन पर प्रतिबंध के दिशा-निर्देश दिये हुए हैं तथा नीति कानून बनाने में इन सिद्धातों को लागू करना होगा।
 
दौरान शिविर में यह भी गया कि सभी मादक पदार्थों में वैधानिक चेतावनी में लिखा रहता है, शराब पीना व तम्बाकू का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक फिर भी आम जनमानस सवन करने में पीछे नहीं रहते हैं तथा शिविर के दौरान ड्रग्स इंस्पेक्टर रमेश चन्द्र यादव को निर्देशित किया गया कि विद्यालय/कॉलेज के बाहर मादक पदार्थ व धूम्रपान वाली दुकानों को हटावा दिया जाय तथा इस शिविर में उपस्थित सभी छात्र/छात्राओं, शिक्षक/ शिक्षिका व अधिकारीगण को नशा मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत नशीली वस्तुओं का सेवन न करने की शपथ दिलायी गयी। 
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