lakhimpur kheri local news : लेखपाल मांग रहा था 50 हजार रुपये की घूस, एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर रंगे हाथों दबोचा
सिंगाही निवासी संजय तिवारी ने एंटी करप्शन कार्यालय लखनऊ मंडल लखनऊ को एक पत्र भेज कर सिंगाही सर्किल के लेखपाल द्वारा मांगी जा रही आख्या के नाम पर घूस की शिकायत की थी। सोमवार को पांच सदस्यों की टीम निघासन पहुंची और लेखपाल के कमरे के बाहर खड़ी हो गई।
पहले से मौजूद लेखपाल से चंद समय की बातचीत के बाद संजय वापस हो गए थे। संजय की वापसी के तुरंत बाद कमरे मे पहुंची टीम ने लेखपाल को रुपये सहित पकड़ लिया था और सख्ती से पूछताछ शुरू की तो परत दर परत खुलने लगी। मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए तो ट्रैप टीम ने लेखपाल को हिरासत में लेते हुए सिंगाही थाने ले गई।
पूछताछ के बाद दर्ज कराई रिपोर्ट
करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद टीम ने तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई। ट्रैप टीम ने सिंगाही पुलिस को दिए गए पत्र में बताया कि लेखपाल के पास से घूस के रुपये बरामद कर लिए गए हैं और बरामद नोटों की गड्डी पर लेखपाल के निशानों की पुष्टि के लिए नमूने भी ले लिये गये हैं। बयानों में भी लेखपाल ने एक अधिकारी का नाम सांकेतिक बताया है। ट्रैप टीम के पत्र पर लेखपाल जगदीश पर रिपोर्ट दर्ज कर लिया है।
यह लगनी थी आख्या
राजा प्रताप विक्रम शाह इंटर कॉलेज में निर्माणाधीन भवन के लिए सरकार से 74 लाख रुपये की मंजूरी मिली थी। जिसमें पहली किस्त के रूप में 29 लाख रुपये मिल गए थे। शेष के लिए पत्राचार कई महीनों से चल रहा था। जिसके सत्यापन के लिए फाइल तहसील मुख्यालय पर लंबित थी लेकिन तय रकम न मिलने के कारण सत्यापन नही हो पा रहा था। संजय तिवारी ने बताया कि लेखपाल द्वारा कुल रकम का दो प्रतिशत हिस्सा मांगा जा रहा था, जो कि गलत था इसलिए यह शिकायत करनी पड़ी।
शारदा बैराज पर बनी रंगे हांथ पकड़ने की योजना
प्रदेश मुख्यालय से गठित टीम ने जिला मुख्यालय पर शिकायतकर्ता से संपर्क किया और शारदा बैराज के गेस्ट हाउस में बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली। साथ ही घूस के लिए दिए जाने वाले रुपये के नंबर नोट कर उन्हें पाउडर से रंगते हुए लिफाफा दे दिया। तय प्लान व समय के मुताबिक, शिकायतकर्ता ने लिफाफा लेखपाल को दे दिया, जिसे टीम ने लेखपाल के पास से बरामद कर लिया है।