Ghazipur local news : सांसद अफजाल अंसारी समेत छह बरी, एसडीएम कार्यालय में तोड़फोड़ मामले में 23 साल बाद आया फैसला
यह था पूरा मामला
नौ अगस्त 2001 को सपा के प्रदेश बंद कार्यक्रम के दौरान सपा नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। आरोप था कि सपा से मुहम्मदाबाद के तत्कालीन विधायक और वर्तमान सांसद अफजाल अंसारी ने चार हजार लोगों के साथ मंडी समिति से जुलूस के साथ तहसील पहुंचे।विवेचना के दौरान तीन लोगों का नाम हटा दिया गया, जबकि तत्कालीन विधायक अफजाल अंसारी, समर्थक विक्रमा यादव, गोपाल राय, शंभू सिंह यादव, ब्लाक प्रमुख लुट्टर राय उर्फ शारदा नंद राय व जियाउद्दीन खान के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र प्रेषित किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वप्न आनंद की अदालत में सुनवाई शुरू हुई। 13 गवाहों ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया। अभियोजन द्वारा आरोप साबित नहीं कर पाने से शनिवार को सभी को दोष मुक्त कर दिया गया। सांसद अफजाल अंसारी की तरफ से अधिवक्ता विजय शंकर पांडेय व सुनील दत्त त्रिपाठी ने पैरवी की।
दुष्कर्म के मामले में दो को दस साल की सजा, सगे भाई दोषमुक्त
विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम राकेश कुमार सप्तम की अदालत ने शनिवार को किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में दो को 10 साल की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक 30-30 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। अर्थदंड की राशि से 75 प्रतिसत पीड़िता को देने का आदेश दिया है। वहीं, दो सगे भाइयों को संदेह का लाभ देते हुए कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया।
अभियोजन के अनुसार, थाना रेवतीपुर एक गांव निवासी व्यक्ति ने थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया कि 14 अगस्त 2016 की रात उसकी नाबालिग बहन को गांव का अनिल यादव व राजेश यादव बहलाफुसला कर भगा ले गए और दुराचार किया। पुलिस मुकदमा दर्ज कर कुछ दिनों बाद किशोरी को बरामद कर ली। विवेचना के पीड़िता बयान अंकित किया गया तो गांव के राजेश यादव टुन्नू व उसका भाई बुट्टन यादव का भी नाम प्रकाश में आया।
पुलिस ने चारों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद तीन महीने के अंदर कोर्ट में आरोप पत्र प्रेषित किया। विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक रविकांत पांडेय ने सात गवाहों को पेश किया। शनिवार को दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए टुन्नू यादव व बुट्टन यादव को दोषमुक्त कर दिया, जबकि अनिल यादव व राजेश यादव को दोषी पाते सजा सुनाई।