Lifestyle : बच्चों की गलत आदतों का इन तरीकों से करें सुधार

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बच्चा जब छोटा होता है तो माता-पिता से लेकर परिवार के अन्य सदस्य उसे स्नेह देते हैं। उसकी जरूरतों का ख्याल रखते हैं। बच्चे की फरमाइश पूरी करने की कोशिश करते हैं। बच्चे से लाड़ प्यार करने में कोई गलत बात नहीं लेकिन कुछ लोग जरूरत से ज्यादा बच्चे को लाड़ प्यार करते हैं। इसे अधिक पैंपर करना या सिर चढ़ा लेना भी कह सकते हैं, खासकर अगर बच्चा इकलौता होता है।

ऐसा करने पर बच्चे के बिगडऩे की संभावना बढ़ जाती है। अभिभावक और परिवार के सदस्यों के व्यवहार का असर बच्चे के स्वभाव पर पड़ता है। बच्चा अधिक लाड प्यार में बिगडऩे लगता है और जिद्दी या गुस्सैल बनने लगता है। जिद करना उम्र का तकाजा भी हो सकता है लेकिन जब बच्चा हद से ज्यादा जिद करने लगे तो अभिभावकों को सतर्क हो जाना चाहिए। बच्चे की जिद उम्र के साथ बढऩे पर भविष्य में उसे समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए अगर आपका बच्चा बहुत अधिक जिद करे तो उसके इस बर्ताव को सुधारने के लिए कुछ टिप्स अपना सकते हैं।

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बच्चों को प्रतिक्रिया न दें

बच्चा अच्छा बर्ताव करे तो उसकी तारीफ करिए लेकिन जब वह जिद करे या कोई गलत बात करें तो प्रतिक्रिया न दें। चिल्लाने या डांटने से ज्यादा आपकी चुप्पी उनके लिए सजा का काम कर सकती है। उनके जबर्दस्ती न करें और न ही जिद में बच्चे से अपनी बात मनवाएं। बल्कि जब बच्चा जिद करे तो उसे कोई प्रतिक्रिया न दें। जब उनका गुस्सा कम हो जाए तो शांत तरीके से समझाएं कि क्या गलत है और क्या सही।

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बच्चे से न करें बहस

जिद्दी बच्चों की इच्छाशक्ति बहुत मजबूत होती है। उनकी बात न माने जाने पर वह बहस करने लगते हैं। अभिभावक अगर उनकी जिद और बहस का जवाब उसी तरह से देंगे तो बच्चा ज्यादा जिद करेगा। उसकी जिद पूरी न होने पर वह आपकी हर बात को दरकिनार करने लगेगा। इसलिए जिद्दी बच्चे के सामने खुद जिद न करें, बल्कि उनकी बात धैर्य से सुनें। बीच में उन्हें टोंके नहीं। आपका धैर्य उनके गुस्से और जिद को कुछ नरम कर सकता है।

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बच्चे को विकल्प दें

बच्चे को विकल्प दें। बच्चे को ऑर्डर न दें, क्योंकि कम उम्र का बच्चा कुछ करने के लिए कहे जाने पर कई सारे सवाल करता है। वहीं अक्सर बच्चे वो काम करते हैं तो उन्हें करने के लिए मना किया जाता है। इसलिए बच्चों को विकल्प दें।

बच्चे के लिए नियम बनाएं

भले ही आप बच्चे से कितना ही लाड प्यार करते हों लेकिन उनके बेहतर व्यवहार के लिए कुछ नियम कायदे तय होने चाहिए। आपको कुछ नियम बनाने की जरूरत है। उन्हें समझाएं कि नियम तोडऩे पर उनके लिए ही नुकसान होगा।

 

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