UP News : जिला जेल में बंद कैदी की मौत पर हंगामा, परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
By Satish Kumar
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रायबरेली। रायबरेली के जिला कारागार में बुधवार को एक बंदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। बंदी को शराब के मामले में पांच दिसंबर को जिला कारागार लाया गया था। जेल प्रशासन के मुताबिक, वह करीब सप्ताह से कारागार के अस्पताल में भर्ती था। सांस लेने में दिक्कत के कारण उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। उधर, जिला अस्पताल के ईएमओ की मानें ताे बंदी को मृत अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया था।
खीरों के मोहनपुर निवासी रामदेव उर्फ गुड्डू आबकारी अधिनियम के तहत जिला कारागार में बंद था। बुधवार की सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में बंदी की मौत हो गई। जेल प्रशासन के मुताबिक, बुधवार की सुबह बंदी को सांस लेने में समस्या हो रही थी।
इस कारण उसे कारागार के अस्पताल से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां उपचार के दौरान करीब सात बजे चिकित्सक ने उसकी मौत की पुष्टि की। वहीं, दूसरी ओर जिला अस्पताल के ईएमओ डॉ. अतुल पांडेय का कहना है कि बंदी को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
इसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। वायरल वीडियो इसी घटना से संबंधित बताया जा रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति यह कहता हुआ दिखाई दे रहा है कि जेल प्रशासन तबीयत न सही होने से बंदी की मौत होने की बात कह रहा है, जबकि एक दिन पूर्व ही परिवारजन की उससे मुलाकात हुई थी, तब बंदी ने उन्हें ऐसा कुछ नहीं बताया था।पुलिस पर पिटाई का आरोप
मामले में मृतक रामदेव की पत्नी मीना ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा है। उसने आरोप लगाया कि पांच दिसंबर को थाना खीरों पुलिस ने उनके पति रामदेव व सास को झूठे मुकदमे में फंसाया था। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने पहले रामदेव को घर में बुरी तरह लात घूसों से जमकर पीटा। इसके बाद थाने ले जाकर उनकी जमकर पिटाई की गई, जिसके चलते बुधवार काे रामदेव की मौत हो गई।इस मामले में थानाध्यक्ष खीरों बालेंदु गौतम का कहना है कि आरोपियों को शराब बनाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। बंदी रामदेव की मौत हो गई है। परिजनों द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।