झांसी अग्निकांड: जिसके हाथ जो बच्चा लगा, उसे अपने जिगर का टुकड़ा समझ ले भागा

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झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (नीकू) वार्ड में लगी आग में 10 बच्चों की मौत से व्यथित परिजनों में भारी पीड़ा और आक्रोश दिखाई दे रहा है। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन उनकी कोई मदद नहीं कर रहा है। जिन बच्चों को निकू वार्ड से बचकर एमर्जेंसी में भी भर्ती कराया गया है, उनके बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। परिजनों का कहना है कि जिस समय आग लगी उसे समय जिसके हाथ जो भी बच्चा लगा उसे लेकर वह बाहर भागे, ऐसे में जिन बच्चों पर टैग लगे थे, वह टैग भी निकल गए और यह किसी को नहीं पता है कि किसका बच्चा किसके पास है।

परिजनों ने एक स्वर से सभी बच्चों का डीएनए परीक्षण किए जाने की मांग उठाई है। एक परिजन ने कहा कि जब रात में उसने एमर्जेंसी में जाकर देखा तो वहां उनके बच्चे को मृत घोषित कर जाने की घोषणा की जा रही थी, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि किस आधार पर उन्होंने मेरे बच्चे को मृत घोषित कर दिया है। मुझे न तो शव दिया गया है और न ही किसी अधिकारी द्वारा कोई जानकारी ही दी जा रही है। उसने बताया कि अफरा तफरी में वह भी एक बच्चे को लेकर भागा था, जिसे वह अपने साथ प्राइवेट हॉस्पिटल में ले गया और वहां उसका इलाज कराया जा रहा है। उसने पुरजोर कहा कि वह बच्चा उसका नहीं है वह यह बच्चा तब तक वापस नहीं करेगा जब तक उसके बच्चे के बारे में जानकारी नहीं मिल जाती है कि उसका बच्चा कहां है जिंदा है तो कहां है और अगर मृतक है तो उसका शव कहां है।

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नहीं दी जा रही सही जानकारी
परिजन इस बात को लेकर परेशान है कि उन्हें अपने बच्चों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। कुछ लोगों का कहना है कि जिन बच्चों को दो-दो घंटे में दूध पिलाया जा रहा था, उन बच्चों को रात से सुबह 10, 11 बजे तक किस तरह से दूध पिलाया जा रहा है, वह कहां है इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।

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पहले लगी आग को गंभीरता से नहीं लिया
कुल मिलाकर झांसी मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में तमाम तरह की अव्यवस्थाओं पर परिजन न केवल खुलकर बात कर रहे हैं, बल्कि वह तमाम तरह की अव्यवस्थाओं को उजागर भी कर रहे हैं। इसी तरह एक परिजन ने बताया कि शुक्रवार शाम 5 बजे इसी वार्ड में शॉर्ट सर्किट हुआ था और लाइट चले जाने की वजह से वह आग बुझ गई थी। अगर समय रहते संबंधित अधिकारियों और वहां मौजूद स्टाफ ने इस बात को गंभीरता से लिया होता तो फिर रात 10 बजे इतनी गंभीर आज नहीं लगती। परिजन और मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी साफ तौर पर मेडिकल कॉलेज में तमाम तरह की अव्यवस्थाओं पर उंगली उठा रहे हैं। परिजनों के ऐसे आरोपों से मेडिकल प्रशासन और यहां पर तमाम तरह की व्यवस्थाओं को लेकर किए जाने वाले दावे सवालों के घेरे में आ गए हैं।

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प्रधानमंत्री बोले, हृदयविदारक घटना से व्यथित हूं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुए नवजात बच्चों की मौत पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने एक्स पर शनिवार को कहा कि हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार देर रात झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन देखभाल ईकाई (एनआईसीयू) में आग लगने से दस बच्चों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस घटना पर गहन दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की सद्गति के लिए प्रार्थना की और अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य चलाने का आदेश दिया।

 
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