ChatGPT, Google Gemini, Perplexity और अन्य AI टूल्स को अपनी साइट का कंटेंट चोरी करने से कैसे रोकें
How to block ai tools from stealing content | ChatGPT, Google Gemini, Perplexity और अन्य AI टूल्स को अपनी साइट का कंटेंट चोरी करने से कैसे रोकें
इस समस्या का एक सरल समाधान यह है कि अपनी वेबसाइट की robots.txt फाइल में कुछ विशेष कोड जोड़कर इन AI टूल्स को साइट के कंटेंट तक पहुंचने से रोका जा सकता है। इससे वेबसाइट के कंटेंट की सुरक्षा बनी रहेगी और इसके ट्रैफिक एवं रेवेन्यू पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
AI टूल्स को ब्लॉक क्यों करें? (How to block ai tools from stealing content)
AI टूल्स द्वारा वेबसाइट के कंटेंट को स्क्रैप करने से कंटेंट स्वामित्व और उसकी मौलिकता पर असर पड़ता है। कंटेंट क्रिएटर्स अपने समय और रिसर्च के आधार पर मूल्यवान जानकारी तैयार करते हैं, जिसे इन टूल्स द्वारा बिना अनुमति के उपयोग किया जाता है। इससे क्रिएटर की मेहनत का सही श्रेय नहीं मिलता और उनके कंटेंट का दुरुपयोग हो सकता है।
ट्रैफिक और रेवेन्यू की हानि:
AI टूल्स द्वारा उपयोगकर्ता को तुरंत उत्तर देने की वजह से लोग सीधे वेबसाइट पर नहीं आते, जिससे वेबसाइट की ट्रैफिक में कमी होती है। कम ट्रैफिक का मतलब है कि विज्ञापन, सब्सक्रिप्शन, और अन्य रेवेन्यू के साधनों में भी कमी आएगी। इसका सीधा असर वेबसाइट के आय पर पड़ता है और कंटेंट क्रिएटर्स के व्यवसाय को नुकसान हो सकता है।
SEO प्रभाव:
जब AI टूल्स कंटेंट को स्क्रैप करते हैं, तो यह सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) को प्रभावित कर सकता है। यदि AI टूल्स कंटेंट का इस्तेमाल अपने उत्तरों में कर रहे हैं, तो यूजर्स सर्च रिजल्ट में वेबसाइट पर जाने की बजाय AI टूल्स से ही जानकारी ले सकते हैं। इससे वेबसाइट की रैंकिंग में गिरावट आ सकती है, जो SEO के लिए हानिकारक है और वेबसाइट की ऑनलाइन उपस्थिति को कमजोर कर सकता है।
robots.txt क्या है?
robots.txt एक विशेष प्रकार की टेक्स्ट फाइल होती है, जिसे वेबसाइट के रूट डायरेक्टरी में रखा जाता है। यह फाइल वेब क्रॉलर और बॉट्स को निर्देश देती है कि वेबसाइट के कौन से हिस्सों को क्रॉल करना है और किन हिस्सों को नहीं। जब कोई वेब क्रॉलर किसी वेबसाइट पर आता है, तो वह सबसे पहले robots.txt फाइल को पढ़ता है और उसमें दिए गए निर्देशों के अनुसार ही वेबसाइट के पेजेज को एक्सेस करता है।
robots.txt क्यों जरूरी है?
- वेबसाइट का नियंत्रण: आप खुद तय कर सकते हैं कि कौन सी जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए और कौन सी निजी।
- सुरक्षा: आप अपनी वेबसाइट के उन हिस्सों को सुरक्षित रख सकते हैं जिनमें संवेदनशील जानकारी है, जैसे कि लॉगिन पेज या प्रशासनिक क्षेत्र।
- क्रॉलिंग को मैनेज करना: आप यह नियंत्रित कर सकते हैं कि वेब क्रॉलर्स आपकी वेबसाइट को कितनी बार और किस गति से स्कैन करें।
- बैंडविड्थ बचाना: आप उन पेजों को ब्लॉक कर सकते हैं जिनके स्कैन होने की जरूरत नहीं है, जिससे आपकी वेबसाइट पर सर्वर का लोड कम होगा।
robots.txt कैसे काम करता है?
- User-agent: यह बताता है कि यह नियम किस वेब क्रॉलर के लिए है।
- Disallow: यह बताता है कि कौन से पेज या डायरेक्टरी को क्रॉल नहीं किया जाना चाहिए।
- Allow: यह बताता है कि कौन से पेज या डायरेक्टरी को क्रॉल किया जा सकता है।
robots.txt में AI टूल्स को ब्लॉक करने का कोड
यहाँ दिया गया robots.txt कोड AI टूल्स और बॉट्स को आपकी वेबसाइट के कंटेंट तक पहुँचने से रोकने के लिए है। इस कोड में अलग-अलग User-agents का उपयोग किया गया है, जो विभिन्न AI टूल्स और बॉट्स को ब्लॉक करेंगे:
कोड विवरण:
User-agent: Google-Extended – Google-Extended को ब्लॉक करता है जो Google Gemini जैसे प्रोजेक्ट्स से जुड़ा हो सकता है।
User-agent: OAI-SearchBot – OpenAI के किसी भी बॉट को ब्लॉक करता है, जो वेबसाइट की सामग्री को स्क्रैप कर सकते हैं।
User-agent: ChatGPT-User– ChatGPT का उपयोग करने वाले बॉट्स को रोकता है।
User-agent: GPTBot– GPTBot, जो OpenAI द्वारा संचालित है, इसे ब्लॉक करता है।
User-agent: Bingbot– Bing के सर्च बॉट को ब्लॉक करता है, जिससे Bing सर्च इंजन भी प्रभावित हो सकता है।
User-agent: PerplexityBot– Perplexity AI से संबंधित बॉट को ब्लॉक करता है।
User-agent: ClaudeBot– Claude AI (Anthropic) के बॉट्स को एक्सेस रोकता है।
User-agent: cohere-ai– Cohere AI के बॉट को कंटेंट एक्सेस करने से ब्लॉक करता है।
User-agent: Meta-ExternalAgent– Meta (Facebook) के किसी भी एक्सटर्नल एआई बॉट को रोकता है।
निर्देश:
इसे अपनी वेबसाइट की robots.txt फाइल में जोड़ें। यह सुनिश्चित करेगा कि ये सभी AI टूल्स आपकी वेबसाइट की सामग्री को एक्सेस नहीं कर सकते।
robots.txt में कोड जोड़ने का तरीका:
यहाँ robots.txt फाइल को अपनी वेबसाइट की रूट डायरेक्टरी में जोड़ने की प्रक्रिया विस्तार से दी गई है:
वेबसाइट की रूट डायरेक्टरी में जाएं
- आपकी वेबसाइट की रूट डायरेक्टरी, आपके सर्वर का मुख्य फोल्डर होता है, जहाँ आपकी सभी महत्वपूर्ण फाइलें और फ़ोल्डर्स मौजूद होते हैं।
- यदि आपकी वेबसाइट का डोमेन example.com है, तो robots.txt फाइल का URL https://www.example.com/robots.txt होना चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि सर्च इंजन और अन्य बॉट्स इस फाइल को एक्सेस कर सकें।
नई robots.txt फाइल बनाएं (अगर यह पहले से मौजूद नहीं है)
- अगर आपकी रूट डायरेक्टरी में robots.txt फाइल पहले से मौजूद नहीं है, तो आप इसे खुद बना सकते हैं।
- एक नए टेक्स्ट डॉक्युमेंट को “robots.txt” नाम से सेव करें। ध्यान दें कि नाम बिलकुल यही होना चाहिए, जिसमें “robots” छोटे अक्षरों में और “.txt” एक्सटेंशन होना चाहिए।
फाइल को edit करें
- टेक्स्ट एडिटर का उपयोग करें: robots.txt फाइल को edit करने के लिए आप Notepad++, Sublime Text, या Visual Studio Code जैसे किसी भी टेक्स्ट एडिटर का उपयोग कर सकते हैं।
- कोड पेस्ट करें: ऊपर दिए गए कोड को (जो AI टूल्स को ब्लॉक करेगा) अपनी robots.txt फाइल में पेस्ट करें। अगर फाइल में पहले से कुछ कोड है, तो उसे ओवरराइट न करें, बल्कि उसके नीचे इस नए कोड को जोड़ें।
फ़ाइल को वेबसाइट की रूट डायरेक्टरी में अपलोड करें – अब इस robots.txt फाइल को अपनी वेबसाइट की रूट डायरेक्टरी में अपलोड करें। FTP का उपयोग कर सकते हैं या अपने वेब होस्टिंग कंट्रोल पैनल से इसे अपलोड कर सकते हैं।
फाइल की टेस्टिंग करें
- यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी robots.txt फाइल ठीक से काम कर रही है, इसे अपने ब्राउज़र में खोलें। उदाहरण के लिए: https://www.example.com/robots.txt (यहां “example.com” को अपनी वेबसाइट के URL से बदलें)।
- आप Google Search Console जैसे टूल्स का भी उपयोग कर सकते हैं, जिनमें robots.txt को टेस्ट करने का विकल्प होता है।
नोट: यह robots.txt निर्देश AI बॉट्स को आपकी साइट को क्रॉल करने से रोकता है, लेकिन ध्यान रखें कि कुछ बॉट्स या टूल्स इस फाइल को अनदेखा कर सकते हैं।
हेडर टैग्स और मेटा टैग्स का उपयोग: क्रॉलर को निर्देश देने के लिए अतिरिक्त उपाय
हेडर टैग्स (Header Tags) और मेटा टैग्स (Meta Tags) दोनों वेबसाइट के कंटेंट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। इनका सही उपयोग क्रॉलर और बॉट्स को आपके कंटेंट को सही तरीके से समझने और उसे एक निश्चित दिशा में उपयोग करने में मदद कर सकता है।
हेडर टैग्स (Header Tags):
हेडर टैग्स (जैसे <h1>, <h2>, <h3>, आदि) वेबसाइट के पेज की संरचना को स्पष्ट करने में मदद करते हैं। ये टैग्स सर्च इंजन और अन्य क्रॉलर्स को यह बताने में मदद करते हैं कि पेज पर कौन सी जानकारी प्रमुख है और कौन सी कम महत्वपूर्ण।
उदाहरण के लिए, <h1> टैग का उपयोग पेज के मुख्य शीर्षक (title) के लिए किया जाता है, और <h2> टैग का उपयोग उप-शीर्षक (subheading) के लिए किया जाता है। यह सर्च इंजन को कंटेंट की प्राथमिकता को समझने में मदद करता है।
मेटा टैग्स (Meta Tags):
मेटा टैग्स, जो पेज के <head>
सेक्शन में होते हैं, वे आपके पेज की जानकारी (जैसे, पेज का विवरण, कीवर्ड्स, या डिस्क्रिप्शन) को सर्च इंजन और क्रॉलर को प्रदान करते हैं।
<meta name=”robots” content=”noindex, nofollow”> जैसे मेटा टैग्स का उपयोग करके आप क्रॉलर को यह निर्देश दे सकते हैं कि वे आपके पेज को इंडेक्स (search results में दिखाना) न करें, या उसमें से लिंक फॉलो न करें। इससे आप यह नियंत्रित कर सकते हैं कि कौन सा कंटेंट सर्च इंजन द्वारा देखा जाए।
कंटेंट मॉनिटरिंग टूल्स: अनधिकृत कंटेंट उपयोग का पता लगाने और मॉनिटर करने के तरीके
कंटेंट मॉनिटरिंग टूल्स का उपयोग आपको यह पता लगाने में मदद करता है कि आपके कंटेंट को कहीं और बिना अनुमति के उपयोग किया जा रहा है या नहीं। इन टूल्स के माध्यम से आप यह जान सकते हैं कि आपकी वेबसाइट का कंटेंट किसी अन्य वेबसाइट पर स्क्रैप, कॉपी या री-यूज़ किया जा रहा है या नहीं।
Plagiarism Checker Tools:
टूल्स जैसे Copyscape, Grammarly, या Quetext का उपयोग करके आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके कंटेंट को किसी अन्य साइट पर बिना अनुमति के इस्तेमाल नहीं किया गया है।
ये टूल्स आपके कंटेंट को इंटरनेट पर पाए गए समान कंटेंट से तुलना करते हैं और आपको रिपोर्ट देते हैं कि कहीं आपका कंटेंट चोरी तो नहीं हुआ है।
Google Alerts:
आप Google Alerts का उपयोग करके यह सेट कर सकते हैं कि जब भी आपकी वेबसाइट का कोई कंटेंट इंटरनेट पर प्रकाशित होगा, तो आपको एक अलर्ट मिल जाए। यह आपको आपके कंटेंट के अनधिकृत उपयोग के बारे में सूचित करने का एक शानदार तरीका हो सकता है।
Reverse Image Search:
यदि आपकी साइट पर कोई चित्र (image) है, तो आप Google Reverse Image Search का उपयोग करके देख सकते हैं कि क्या यह चित्र कहीं और उपयोग किया जा रहा है। इससे आप यह पता कर सकते हैं कि आपके इमेज को किसी अन्य वेबसाइट ने बिना अनुमति के तो नहीं लिया।
इन तकनीकों का इस्तेमाल करने से आप अपनी वेबसाइट के कंटेंट की सुरक्षा को और मजबूत बना सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके कंटेंट का दुरुपयोग न हो।