मेहंदीपुर बालाजी में 12 घूमने की जगह, संकट मोचन हनुमान जी के दर्शन

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राजस्थान बालाजी धाम दौसा जिले के नामक जगह पर स्थित है बालाजी मंदिर हनुमान जी को समर्पित है बालाजी का प्राचीन मंदिर हिंदुओं के धार्मिक स्थलों के रूप में जाना जाता है यह बहुत ही लोकप्रिय होने के कारण देश के अलग-अलग राज्यों और शहरों से लाखों की संख्या में भाग दर्शन करने के लिए इस मंदिर में आते हैं मेहंदीपुर बालाजी में घूमने के कौन सी जगह और कौन से मंदिर है हम आज उनके विषय में चर्चा करेंगे।

बालाजी महाराज मंदिर में भूत प्रेत की बढ़ाओ से छुटकारा पाने के लिए बालाजी महाराज के चरणों में लोग जाते हैं जिम बालाजी महाराज में पेशी लगती है प्रेतराज सरकार को भूत पाटो को दंड देकर उनको कैद करने का काम करते हैं मंगलवार और शनिवार को बालाजी में इतनी भीड़ लगती है कि लोग लाखों की संख्या में पहुंचते हैं और वहां जगह नहीं रहती है बालाजी महाराज के दर्शन करने के लिए लोग लाइन में कतार लगाकर इंतजार करते हैं।

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मेहंदीपुर बालाजी में घूमने की जगह 

  • बालाजी दर्शन करने के बाद घूमने के अनेक जगह और यात्रा मंगलमय हो

मेंहदीपुर बालाजी में घूमने की जगह संक्षिप्त परिचय

  1. बालाजी महाराज मंदिर
  1. राम सीता मंदिर
  2. समाधि स्थल
  3. शंकर जी मंदिर
  4. तीन पहाड़ प्राचीन मंदिर
  5. राधा कृष्ण मंदिर
  6. तीन मुखी हनुमान
  7. काली माता मंदिर
  8. सात पहाड़
  9. हनुमान मंदिर
  10. जानकी माता मंदिर
  11. चांद बावड़ी

बालाजी मंदिर का रहस्य 

 

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लोगों की मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि भूत प्रेत की साया से छुटकारा पाने के लिए लोग मेहंदीपुर बालाजी की शरण में जाते हैं जहां बालाजी दरबार में पेशी लगते हैं बुरी बढ़ाओ को कैद करके पेवास सरकार दंड देने का काम करते हैं यह मंदिर देश के बाकी मंदिरों से बिल्कुल अलग माना जाता है यहां पहुंचकर लोग अपने विचित्र नजारे देखने को मिलते हैं। देखा जाता है जिसमें संकट आते हैं वह व्यक्ति अपने आप चिल्लाने रखता है। उसको कोई दंड दे रहा है और वह ठीक हो जाते हैं।

मेहंदीपुर में बालाजी कौन हैं?

मेहंदीपुर में विराजित बालाजी महाराज भगवान हनुमान के बाल रूप हैं बालाजी महाराज कलयुग में लोगों की दुख दर्द और पीड़ा को हारने का काम करते हैं जिससे लोग बालाजी की शरण में जाते हैं।

मेंहदीपुर बालाजी मंदिर का परिचय

बालाजी मंदिर का सालों पुराना बताया। कहां जाता है की महान श्री गणेश महाराज जी के सपने में बालाजी आते थे और मंदिर बनाने को कहा कहा जाता है। इससे पहले वहां विकराल जंगल था। यहां मंदिर दो पहाड़ों यानी घाटी के बीच स्थित है इसलिए बालाजी को घाटा बालाजी नाम से पुकारा जाता था बालाजी की मूर्ति को किसी कार्य करने नहीं बनाया बल्कि यह पहाड़ का एक अंग है बालाजी महाराज के पास छाती के नीचे एक जलधारा निरंतरित बहती है। बालाजी महाराज में राजा के रूप में विराजमान है और भगवान शंकर जी के अवतार हैं बालाजी के दरबार में बुरी आत्माओं की पेशी लगती है बालाजी को लड्डुओं का भोग लगाया जाता है।

1. मेहंदीपुर बालाजी मंदिर

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बालाजी मंदिर के अंदर तीन प्रमुख देवताओं का दर्शन करने को मिलता है जिसमें बालाजी महाराज भैरव बाबा प्रेत राज सरकार बालाजी मंदिर में प्रसाद लेने के बाद दर्शन करने की प्रक्रिया में पहला काम होता है दर्शन के लिए लाइन पर लगा होता है भक्तों की सुविधा के लिए लाइन में लगने के लोहे की रेलिंग बनी हुई है। मेहंदीपुर बालाजी में होने वाली शाम की आरती बहुत ही महत्वपूर्ण है जो शाम के बीच होती है सर्दी और गर्मियों में मौसम में आरती का समय बदल जाता रहता है। जिसे संकट आता है। उसको इस आरती में शामिल होना जरूरी है

2. राम सीता मंदिर 

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बालाजी मंदिर में दर्शन करने आप पीछे के रास्ते से होते हुए गली में आ जाएंगे । जहां पर बालाजी मंदिर के ठीक सामने राम सीता का मंदिर है जहां पर आप राम और सीता के दर्शन कर पाएंगे।

3. समाधि वाले बाबा 

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सामाजिक स्थल बालाजी मंदिर से महात्मा 500 मीटर की दूरी पर स्थित है या संवाद स्थल बालाजी मंदिर के पहले महंत गणेशपुरी महाराज जी के समाज है यहां पर भक्तों द्वारा जलेबी का प्रसाद और घी के दीपक जलाया जाता है यह समाज स्थल इसलिए प्रसिद्ध है क्योंकि महंत गणेशपुरी महाराज जी ने बालाजी के चमत्कारों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया था इस समाज में बहुत प्रेत बढ़ाओ से ग्रसित व्यक्ति जाते हैं और ठीक होकर वापस अपने घर आते हैं कहते हैं समाज स्थल जाए बिना बालाजी धाम की यात्रा पूर्ण नहीं मानी जाती है इसलिए यदि आप बालाजी यात्रा पर जाए तो अवश्य समाज वाले बाबा की स्थल पर जाएं

4. शंकर जी मंदिर बालाजी 

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

शंकर जी मंदिर तीन पहाड़ पर स्थित बहुत प्रसिद्ध मंदिर है इस मंदिर पर पहुंचने के लिए खड़े चिड़िया के चढ़ाई चढ़ने पड़ती है मंदिर के अंदर भगवान शिवलिंग को स्थापित किया गया है मंदिर शिवलिंग में दूध और बेलपत्र को चढ़ाने की मान्यता है दूध चढ़ाने के लिए बहुत से लोग ₹10 गिलास दूध बेचते नजर आ जाएंगे और बेलपत्र का दान भी ₹10 में मिल जाता है मंदिर के अंदर प्रवेश करके आप शिवलिंग के दर्शन करके मन्नत मांग सकते हैं इसके बाद इस मंदिर में गणेश भगवान मां पार्वती और भगवान राम की मूर्ति स्थापित की गई है मंदिर में दर्शन करने के बाद आप पीछे की सीढ़िया से उतर कर तीन पहाड़ घूमने के लिए जा सकते हैं

5. तीन पहाड़ 

बालाजी मंदिर में दर्शन करने के बाद और राम सीता जी के दर्शन करने के बाद ट्रैकिंग करते हुए तीन पहाड़ मंदिर में दर्शन करने के लिए जा सकते हैं दरअसल तेल पहाड़ी छोटे पहाड़ियों और समूह मिलाकर तीन पहाड़ कहलाता है तेल पहाड़ के ऊपर आने को मंदिर लाइन से बने हुए हैं तीन पहाड़ में शिवलिंग शिव मंदिर काली मंदिर पंचमुखी हनुमान और कई अन्य देवी देवताओं के मंदिर में दर्शन करने को मिल सकते हैं

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

 

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6. राधा कृष्ण मंदिर 

तीन पहाड़ के ऊंचाई पर जाते समय रास्ते में राधा कृष्ण का मंदिर देखने को मिलता है जिसमें राधा और कृष्ण की बहुत सुंदर मूर्ति विराजमान है जो पर्यटकों को आकर्षण का केंद्र है राधा कृष्ण मूर्ति के दर्शन करने के बाद आप फोटो भी खींच सकते हैं तीन पहाड़ के आखिरी छोर पर सख्त स्थल बना हुआ है जहां भैरव बाबा की पूजा की जाती है मंदिर के भभूत बहुत ही कष्ट हर होती है !

7. पंचमुखी मुखी हनुमान

पंचमुखी हनुमान मंदिर तीन पहाड़ पर स्थित है भक्तों के लिए दर्शनीय स्थल तीन पहाड़ के चढ़ाई चढ़ते समय पंचमुखी हनुमान जी का मंदिर स्थित है मंदिर में हनुमान जी के पांच मुख रुपए मूर्ति स्थापित किए गए हैं मंदिर में हनुमान जी को लड्डुओं का भोग लगाने के बाद आप दर्शन कर सकते हैं और हनुमान जी का मन्नत मांग सकते हैं

8. काली माता मंदिर 

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

तीन पहाड़ी में स्थित काली माता मंदिर बहुत ही बहुमुखी है या मंदिर भक्तों से घिराव रहता है काली माता मंदिर में नींबू रखकर काटने को शुभ माना जाता है पहाड़ चढ़ते समय दर्शन कर सकते हैं माता के मंदिर में भक्त लोग हमेशा भजन कीर्तन गाते हैं कहते हैं की काली माता मंदिर में वे संकट वाले लोग आते हैं जिन्हें कर तब करवाया गया हो कलामती मंदिर में बहुत भीड़ लगती है चलते-चलते थक गए तो माता के मंदिर में बैठकर विश्राम करते हुए गीत सुनकर जाते हैं

 

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9. सात पहाड़ 

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

बालाजी मंदिर के ठीक पीछे से रास्ते से जो सा पहाड़ तक जाता है अगर आपको टेकिंग का शौक है तो 2 किलोमीटर पैदल चलकर ट्रैकिंग का मजा ले सकते हैं पहाड़ चढ़ते समय रास्ते में एक मंदिर मिल जाते हैं जिनमें एएमयू की शेषनाग भगवान और गणेश जी का मंदिर है सा पहाड़ी में चढ़ने के बाद ऊंचाई में मेहंदीपुर बालाजी का दृश्य बहुत अद्भुत नजर आता है पहाड़ पर चढ़कर आप तस्वीर खींच सकते हैं और अपनी यात्रा को बहुत ही लम्हों के लिए यादगार बनाकर कमरे में कैद कर सकते हैं

 

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10. हनुमान जी मंदिर |

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

बालाजी मंदिर परिसर से पैदल चलकर महादेव 10 मिनट में हनुमान मंदिर तक पहुंच सकते हैं यहां पर हनुमान की मूर्ति 151 फीट की ऊंचाई पर बनी हुई है यहां पर घूमने का अद्भुत आकर्षण केंद्र है हनुमान जी की मूर्ति के नीचे एक छोटी सी 10 मीटर की सुरंग नामक गुफा है इसमें अंदर प्रवेश करने पर आपको दीवार में अनेक देवी देवताओं की मूर्तियां बनी है यहां घूमने आने पर मन को एक अलग शांत अद्भुत प्रदान होती है

11. अंजनी माता मंदिर 

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

बालाजी मंदिर की गली से आगे 1 किलोमीटर दूरी पर हनुमान मंदिर में से आगे गली में माता अंजनी का मंदिर बना हुआ है यहां मंदिर हनुमान जी की माता अंजनी को समर्पित है अंजनी माता मंदिर सफेद संगमरमर से बनाया गया है जो देखने के लिए बेहद खूबसूरत है मंदिर परिसर में अनेक तरह की मूर्तियां और पार्क बना हुआ है जहां पर आप कुछ भी समय विश्राम कर आनंद ले सकते हैं

12. चांद बावड़ी (Chand Bawdi Abhaneri Rajasthan)
Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

चांद बावड़ी एक ऐतिहासिक पार्वातेक है स्थल है के रूप में जाना जाता है यह राजस्थान मेहंदीपुर बालाजी धाम से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और बांदीकुई रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी पर है यह बावड़ी का निर्माण 9वी शताब्दी गुर्जर प्रतिहार वंश के राजा महिर भोज ने करवाया था जिन्हें चांद के नाम से जाना जाता है यह एशिया की सबसे पुरानी और दुनिया की सबसे गहरी बावड़ी गर्भ में अपने रहस्य को दबाए हुए हैं क्षेत्र लोगों के द्वारा कहा जाता है कि इस बावड़ी का निर्माण रातों-रात भूतों ने किया था इस बावड़ी में प्राचीन मूर्तियां भी अद्भुत शिल्पकार देख सकते हैं

 

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मेहंदीपुर बालाजी में अर्जी कैसे लगाएं-

बालाजी मंदिर में दर्शन करने जाने पर सुबह सुबह जल्दी उठकर स्नान करना पड़ता है। इसके बाद सबसे पहले आपको बालाजी मंदिर में दर्शन करने हेतु जिसमें आपको कई तरह प्रसाद चढ़ाने के लिए दुकानों में देखने को मिल जाएंगे जिसमें दर्शन प्रसाद अर्जी का प्रसाद और चोला रहता है यदि आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दर्शन करने के लिए गए हैं तो आप प्रसाद चढ़कर बालाजी भगवान के दर्शन कर सकते हैं यदि आप कोई मन्नत मांगते हैं तो आप अर्जी का प्रसाद चढ़ा सकते हैं

मेहंदीपुर बालाजी में सवामनी-

Mehandipur Balaji Me Ghumne Ki Jagah

मेहंदीपुर बालाजी में सोमानी चढ़ाई जाती है जिसमें हलवा पूरी खीर पूरी लड्डू पूरी रहता है सवामणि भोग चढ़ाने का समय 11:00 बजे से 2:00 तक रहता है दर्शन स्वामी को कहा जाता है जिसमें आप सवा मन राशन का प्रसाद बनाकर प्रसाद बालाजी महाराज प्रसाद भोग करते हैं बालाजी मंदिर में दर्शन करने से जो भक्त मन्नत मांगते हैं और सब मेरी चढ़ाने का वचन देते हैं और उनकी मन्नत पूर्ण हो जाती है तो बताओ हमारी चढ़ाते हैं सवामणि मंगलवार या शनिवार को चढ़ती है

 

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