नैट और नैस परीक्षा को लेकर डीएम ने जिला स्तरीय अधिकारियों और विभागीय अधिकारियों के साथ की बैठक

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रायबरेली ! परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा गुणवत्ता को लेकर आगामी दिनों में होने वाली नैट, नैस और निपुण भारत लक्ष्य की परीक्षा को लेकर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने अधिकारियों के साथ बैठक ली। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने 29 और 30 नवंबर को होने वाली निपुण असेसमेंट टेस्ट (नैट परीक्षा), राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (नैस) परख परीक्षा को सफल बनाने को लेकर विभागीय दिशा-निर्देश अधिकारियों को दिए।
 
उन्होंने कहा कि बच्चों को निर्धारित समय में निपुण बनाने के लिए उनकी उपस्थिति पर सर्वाधिक ध्यान देना होगा। विद्यालय में शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित रहे, इसके लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिए गए। उन्होंने कहा कि परीक्षा को सफल बनाने के लिए प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिए जाएं। इसके अलावा उन्होंने परीक्षा के दिन जिला स्तरीय अधिकारी से लेकर ब्लॉक तक के अधिकारियों को निगरानी और रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने राष्ट्रीय अविष्कार अभियान के तहत एक्सपोजर विजिट और कायाकल्प के संबद्ध में भी विभागीय समीक्षा की। 
 
बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राएं और शिक्षक नेट (निपुण असेसमेंट टेस्ट) की तैयारियों में जुटे हुए हैं। शासन के निर्देश पर शिक्षक अपनी तरह से छात्र-छात्राओं को बोर्ड के माध्यम से ओएमआर शीट भरने का अभ्यास करा रहे हैं। विद्यालयों में क्लॉस 4 से 8 तक के बच्चों का नियमित ओएमआर सीट पर अभ्यास अध्यापक करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि परीक्षा 29 और 30 नवंबर को परिषदीय विद्यालयों में कराई जाएगी। उन्होंने वताया कि इस परीक्षा के आने वाले परिणाम को स्कूल शिक्षा महानिदेशालय की ओर से प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन रिजल्ट अपलोड करने का विकल्प जोड़ दिया गया है। राज्य स्तर पर स्कूलों की निगरानी व शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए विद्या समीक्षा केंद्र बनाया गया है, जो प्रत्येक स्कूल के रिजल्ट का विश्लेषण किया जाएगा। इस परीक्षा को बहुत सावधानी के साथ में परीक्षा सम्पादित कराने के निर्देश प्रधानाध्यापकों को दिए गए हैं। परीक्षा को लेकर निगरानी बीईओ से लेकर एसआरजी व एआरपी कर रहे हैं। 
 
इस परीक्षा के बाद दिसंबर माह में एनएएस यानी राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण परख होना है। यह सर्वे भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक शैक्षिक मूल्यांकन सर्वेक्षण है। यह सर्वेक्षण, देश भर के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की सीखने की उपलब्धि का आकलन करने के लिए किया जाता है। इस सर्वेक्षण के ज़रिए, शिक्षा प्रणाली की दक्षता का पता चलता है और सुधार के लिए कदम उठाएं जा सकते हैं। यह सर्वेक्षण तीन साल में एक बार आयोजित किया जाता है। इस टेस्ट को बेहतर ढंग से विभाग के साथ पर कराने के निर्देश दिए गए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी अरुण कुमार, व अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
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