Ambedkar nagar history | जिला एवं सत्र न्यायालय अम्बेडकर नगर | भारत
Ambedkar nagar history | जिला एवं सत्र न्यायालय अम्बेडकर नगर | भारत
पवित्र सलिला सरयू और तमसा की कल-कल करती जल लहरों से अभिसिंचित भूखण्ड पर आबाद अम्बेडकरनगर जनपद कई दृष्टिकोण से अपनी खास पहचान -
कुल पांच तहसील हो गयी। यह नही 930 ग्राम पंचायतों और 1750 राजस्व गांवो में फैले अम्बेडकरनगर जनपद को पहले 9 विकास खण्डों में विभक्त किया गया हैं। जिसमें अकबरपुर, टाण्डा, बसखारी, रामनगर, जहांगीरगंज, भियांव, जलालपुर, कटेहरी और भीटी शामिल हैं।ऐतिहासिक दृष्टि कोण से यदि नजर डाले तो मिलता है कि जिस अकबरपुर शहर को अम्बेडकरनगर जिले का मुख्यालय बनाया
1566 में सम्राट अकबर यहां जिस स्थान पर आये और रूके उसे आज तहसील तिराहे के नाम से जाना जाता हैं। तत्समय उन्होने तहसील तिराहे के बगल पूजा के लिए एक मस्जिद का निर्माण कराया। जिसे आज किले वाली मस्जिद के नाम से जाना जाता हैं। इसी दौरान उन्होने एक बस्ती भी बसायी जिसे अकबरपुर नाम दिया गया जो आज जिला मुख्यालय के रूप में जाना जाता हैं। बताते हैं कि यहां से आगे बढ़ने के लिए तमसा को पार करने का कोई साधन नही था। जिसके लिए सम्राट अकबर ने एक लकड़ी का पुल बनवाया था जिसे काफी दिन तक शाही पुल के नाम से जाना जाता रहा। यही पुल आज बदले स्वरूप में अकबरपुर और शहजादपुर को जोड़ता हैं।
आज वही बस्तियां अच्छे कस्बे के रूप में विख्यात हैं। जिले के अहम हिस्से के रूप में जाने गये जलालपुर कस्बे के आसपास सन् 1300 के आसपास तक राजभरों का राज था। भुजगी और सुरहुरपुर इनके दो रियासते थी। जिसमें सुरहुरपुर रियासत को सैय्यद सालार मसऊद गाजी उर्फ गाजी मियां ने जीत लिया था और भुजगी रियासत राजपूतों के कब्जे में चली गयी। इसी दौरान आये ईरानी सरदार नकी के नाम पर नकीपुर बसा जो आज नगपुर के नाम से विख्यात है।
सन् 1947 में आजादी के बाद स्थानीय नागरिकों ने मुक्त सांस लेना शुरू किया। सन् 1952 में प्रथम चुनाव के बाद आये जमीदारी उन्मूलन विधेयक ने तमाम गरीबों, मजदूरों व कामगारों को भूमिहीन से भूतिदार बनाया। यद्यपि आजादी मिलेन के बाद इस क्षेत्र के विकास को लेकर प्रयास होते रहे परन्तु बीसबीशदी के अंतिम दिनों से लेकर इक्कीसवी शदी का प्रारम्भ काल अम्बेडकरनगर का स्वर्णिम काल कहा जा सकता हैं। क्योकि तत्कालीन राज्य सरकार की मुख्यमंत्री ने इसे अपनी कार्मभूमि बनाया परिणाम रूवरूप उनकी विकास योजनाएं अम्बेडकरनगर के लिए वरदान साबित हुई। परिणाम आज सबके सामने हैं। आज अम्बेडकरनगर राष्ट्रीय क्षितिज पर दैदीप्यमान है।
रुचि के स्थान
एन०टी०पी०सी0 टांडा
शिवबाबा मन्दिर
अशरफपुर किछौछा दरगाह
गोबिंद साहब मेला
अम्बेडकर पार्क अकबरपुर
एन०टी०पी०सी0 टांडा
टांडा थर्मल पावर स्टेशन उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर जिले में स्थित है। बिजली संयंत्र एनटीपीसी के कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में से एक है।
अशरफपुर किछौछा दरगाह
संतों ने लोगों के लिए शांति का संदेश फैलाने के लिए व्यापक रूप से यात्रा की थी। किछौछा दरगाह शरीफ एक छोटे से क़स्बा पर बनाया गया है जो तालाब से घिरा हुआ है। पूरा परिसर संगमरमर, टाइल्स और चश्मे से सजाया गया है। पूरे भारत और अन्य जगहों के हजारों तीर्थयात्री पूरे वर्ष दरगाह में जाते हैं।
गोबिंद साहब मेला
अंबेडकर नगर और आजमगढ़ की सीमा पर स्थित गोविंद साहब धाम आस्था का केंद्र है। यहां हर साल एक माह का मेला लगता है मेला नवंबर के अंतिम सप्ताह को शुरू होगा। चुंकि धाम अंबेडकर नगर जिले में पड़ता है इसलिए वहां के जिलाधिकारी