Aman Shanti News RSS Feed Generator ghaziabad local news live - Aman Shanti News https://www.amanshantinews.com/tag/3997/rss ghaziabad local news live RSS Feed Ghaziabad local news : इंद्राज को एक मिनट के लिए खड़ा कर दो, सब कुछ गायब हो जाएगा’, 9 परिवारों का दुलारा बनने वाले राजू की कहानी कर देगी सन्न Ghaziabad News !  जिस राजू को साहिबाबाद के शहीदनगर का परिवार अपना 30 साल पहले लापता हुआ बेटा मानकर खुशी मना रहा था, वह शातिर चोर निकला है। उसको अपने असली परिवार ने भी छोड़ दिया था। वह उसकी आदतों की वजह से काफी परेशान हो चुके थे। इंद्राज मेघवाल शहर-शहर भटकता रहा और उसने अपनी मर्जी से और लगभग हर जगह रहने के लिए माता-पिता ढूंढे। शुक्रवार को उसका सफर खत्म हो गया जब उसे धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

यह पूरा मामला दो हफ्ते पहले शुरू होता है। जब वह गाजियाबाद के एक पुलिस

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Ghaziabad News ! जिस राजू को साहिबाबाद के शहीदनगर का परिवार अपना 30 साल पहले लापता हुआ बेटा मानकर खुशी मना रहा था, वह शातिर चोर निकला है। उसको अपने असली परिवार ने भी छोड़ दिया था। वह उसकी आदतों की वजह से काफी परेशान हो चुके थे। इंद्राज मेघवाल शहर-शहर भटकता रहा और उसने अपनी मर्जी से और लगभग हर जगह रहने के लिए माता-पिता ढूंढे। शुक्रवार को उसका सफर खत्म हो गया जब उसे धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

यह पूरा मामला दो हफ्ते पहले शुरू होता है। जब वह गाजियाबाद के एक पुलिस स्टेशन में अचानक आया और दावा किया कि उसे यहां से बचपन में किडनैप कर लिया था। वह अपने माता-पिता से फिर से मिलना चाहता है। उसने पुलिस को जो शानदार कहानी सुनाई। उसने कहा कि उसे एक ट्रक में जैसलमेर ले जाया गया और 30 साल तक एक एनिमल फार्म में गुलाम बनाकर रखा गया। उसने पुलिस को उसके परिवार को ढूंढने के लिए मजबूर कर दिया।

कहानी में आया नया मोड़

फिर कहानी में नया मोड़ आता है। लीलावती नाम की महिला के बेटे का भी अपहरण कर लिया गया था और पुलिस ने जब पुरानी फाइलों को खंगाला तो चार परिवारों से संपर्क किया और फिर लीलावती पुलिस स्टेशन पहुंची। लीलावती ने उसकी पहचान अपने बेटे भीम के तौर पर की।

लीलावती को इंद्राज ने सुनाई भावुक कहानी

लीलावती को इस बात का बिल्कुल भी नहीं पता था कि उसके शातिर दिमाग में क्या चल रहा था। इंद्राज को यह नहीं पता था कि भीम कौन है, लेकिन पुलिस स्टेशन में मेहमान के तौर पर उसने मामलों की छानबीन करते हुए काफी कुछ जान लिया था। तीन बाकी परिवार पुलिस स्टेशन आए थे, लेकिन उसने केवल लीलावती के सामने ही ऐसा जवाब दिया, क्योंकि लीलावती ने उसे अपनी कहानी सुनाई थी। वह गलत नहीं था। भीम सिंह के रूप में इंद्राज पांच दिनों के लिए एक जोड़े के लिए लंबे समय से खोया हुआ बेटा बन गया, जब तक कि देहरादून से सूचना नहीं मिली कि वह इस साल जुलाई में एक जोड़े के साथ उनके बेटे मोनू सिंह के रूप में कुछ हफ्ते तक रहा था। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और जांच शुरू की।

चोर निकला इंद्राज

पुलिस को पता चला कि भीम असल में इंद्राज मेघवाल है। वह 38 साल का है और राजस्थान के अनूपगढ़ जिले के जैतसर का रहने वाला है। वह एक छोटा चोर है जिसे 2005 में उसकी आदतों की वजह से घर से निकाल दिया गया था। 2021 में वह सोने के गहने और मोबाइल फोन लेकर भाग गया था। ऐसा माना जाता है कि पिछले चार सालों में वह 9 परिवारों के साथ रहा है।

असली पिता का नाम चुन्नी लाल मेघवाल

पुलिस टीम उसके घर पर पहुंची। उसके पिता का नाम चुन्नी लाल मेघवाल है। वह एक किसान है। पुलिस ने उसकी मां, भाई रानेश और बहनों मंजू और वीरमती से भी मुलाकात की। ट्रांस-हिंडन के डीसीपी निमिश पाटिल ने कहा, ‘उसके पिता ने हमें उसकी चोरी की आदतों के बारे में बताया, जो उसकी जेब से पैसे चुराने और फिर पड़ोसी घरों से सामान चुराने से शुरू हुई थी। वह उन रिश्तेदारों के घरों से भी चोरी करता था, जिनके घर वे आते थे।’ डीसीपी ने कहा, ‘एक स्थानीय शख्स ने दौरा करने वाली पुलिस टीम से कहा, ‘इंद्राज को एक मिनट के लिए खड़ा कर दो, कुछ गायब हो जाएगा।’

रमेश ने टॉइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि स्थानीय लोग इंद्राज के बारे में शिकायत लेकर रोजाना उनके घर आते थे। परिवार खासकर उनकी मां ने उसे बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार यह उनके लिए बहुत ज्यादा हो गया। उन्होंने कहा कि इंद्राज की चोरी की आदत की वजह से हमें अपना घर छोड़कर श्रीगंगानगर में जाना पड़ा। 2005 के बाद दूर के रिश्तेदारों के साथ रहने लगा, लेकिन वह कहीं भी कुछ महीनों से ज्यादा नहीं टिक पाया। 2010 में उसे बीकानेर के पास सुरक्षा बलों की शूटिंग रेंज में सफाईकर्मी के तौर पर काम मिल गया। डीसीपी ने कहा, ‘उसका काम शूटिंग प्रैक्टिस के बाद मैदान की सफाई करना था।’ इंद्राज ने यहां से वर्दी चुराई और भाग गया। वह गाजियाबाद में पुलिस के सामने वर्दी पहनकर पेश हुआ था।’

जेल में भी रहा इंद्राज

इंद्राज ने एनिमल फार्म में भी काम किया था, यहां पर उसे किसी भी तरह से कैद करके नहीं रखा हुआ था। यहां पर वह मालिक की दया से रह रहा था और उसने वहां पर तीन महीने बिताए। यह 2021 में हनुमानगढ़ में हुआ था। उसने नौकरी के लिए हेतराम से संपर्क किया। हेतराम ने कहा कि वह अपनी भेड़ों की देखभाल कर सकता है। उसने घर में लूटपाट की और तीन महीने बाद भाग गया। एक एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस की टीम ने उसे अरेस्ट कर लिया और वह करीब छह महीने तक जेल में रहा था। पहली बार उसने जैसलमेर की कैद की कहानी जेल से बाहर आने के बाद बताई थी। वह श्रीगंगानगर के एक पुलिस स्टेशन गया और दावा किया कि 20 साल पहले उसका अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने पुरानी फाइलें खंगालीं और कुछ परिवार उससे मिलने आए, बिल्कुल गाजियाबाद की तरह ही।

डीसीपी ने कहा कि उसने एक परिवार की बातचीत सुनी और जो जानकारी जुटाई उसका इस्तेमाल करके उन्हें यकीन दिलाया कि वह वास्तव में बेटा है। आशाराम का परिवार उसे अपने घर ले गया। भागने से पहले वह दो महीने तक राम प्रताप के तौर पर उनके साथ रहा। 2023 में इंद्राज सीकर के एक गांव में गया और इसी तरह गौरम नायक के साथ उसके बेटे के तौर पर भी रहा। यहां पर उसका नाम पंकज कुमार था। वह गौरम के बेटे का नाम था और वह 2005 से लापता था।

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Ghaziabad local news : जब गाजियाबाद के राजू को पिता चुन्नी लाल ने संपत्ति से कर दिया था बेदखल, जानें क्राइम की दुनिया में आने की असल कहानी गाजियाबाद का राजू इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिस तरह से फर्जीवाड़ा कर उसने कई लोगों का दिल तोड़ा है, जिस तरह से उसने अपनी पहचान छिपा कई लोगों को धोखे में रखा, अब हर कोई उसके बारे में सब कुछ जानना चाहता है।

गाजियाबाद के राजू का पैटर्न समझिए

गाजियाबाद पुलिस ने शुक्रवार को राजू को गिरफ्तार कर लिया था। कई घंटों की पूछताछ में राजू ने बड़े खुलासे किए थे। उसने बताया था कि वो तभी तक किसी परिवार के साथ टिकता था जब तक उसके सिर पर कोई जिम्मेदारी नहीं आ

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गाजियाबाद का राजू इस समय पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिस तरह से फर्जीवाड़ा कर उसने कई लोगों का दिल तोड़ा है, जिस तरह से उसने अपनी पहचान छिपा कई लोगों को धोखे में रखा, अब हर कोई उसके बारे में सब कुछ जानना चाहता है।

गाजियाबाद के राजू का पैटर्न समझिए

गाजियाबाद पुलिस ने शुक्रवार को राजू को गिरफ्तार कर लिया था। कई घंटों की पूछताछ में राजू ने बड़े खुलासे किए थे। उसने बताया था कि वो तभी तक किसी परिवार के साथ टिकता था जब तक उसके सिर पर कोई जिम्मेदारी नहीं आ जाती। जैसे ही कोई जिम्मेदारी दिखाई देती, वो वहां से रफूचक्कर हो जाता। लेकिन परिवारों को धोखा देना, अपनी पहचान छिपाना, यह सारे काम तो पिछले कुछ सालों में ही राजू ने करने शुरू किए थे।

बचपन से पढ़ाई में नहीं लगता था मन

लेकिन अगर राजू की जिंदगी को देखा जाए तो क्राइम की दुनिया में उसने कदम काफी जल्दी रख दिया था। पढ़ाई में मन लगता नहीं था, परिवार वालों के साथ रिश्ते अच्छे थे नहीं, ऐसे में ना कोई सिखाने वाला ना ही कोई गलत या सही बताने वाला। इसी वजह से शुरुआती जीवन में ही राजू चोरी चकारी में लग चुका था।

जब पिता ने राजू को संपत्ति से कर दिया था बेदखल

पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि राजू को बचपन में ही चोरी की लत लग चुकी थी। जब तक वो 18 साल का हुआ, उस पर 24 चोरी के मामले दर्ज हो चुके थे। उसकी इन्हीं हरकतों से परेशान होकर उसके पिता चुन्नीलाल ने साल 2005 में उसे अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया था।

राजू को लगता था कि चोरी कर उसे जो भी पैसा मिल रहा है, उससे वो आराम की जिंदगी जिएगा। साजिश रचने का उसका तरीका हमेशा से सेम रहता था। वो किसी भी पास की पुलिस थाने में जाता था और वहां जाकर बोलता था कि वो 20 साल पहले अपहरण हो गया था। पुलिस उन सभी परिवार वालों को बुला लेती थी जिनके बच्चे पिछले कई सालों से मिल नहीं रहे थे।

राजू कैसे बना सबसे बड़ा धोखेबाज?

बस फिर राजू उन्हें अपनी बातों में फंसाता था, किसी को बताता कि उसे बहुत यातनाएं दी गईं तो किसी को कहता कि उसका किडनैप हो गया था। परिवार वाले भी भावुक होकर उसे घर ले जाते और उसकी सारी फरमाइश पूरी करते। लेकिन काफी बाद में जाकर पता चला कि राजू ने जिन नो परिवारों को ठगा था, सभी को एक ही कहानी बताई, सभी से पैसे लूटे और फिर वहां से फरार हो गया। 

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https://www.amanshantinews.com/uttar-pradesh/ghaziabad/ghaziabad-local-news-when-ghaziabads-raju-was-evicted-from-his/article-3275 https://www.amanshantinews.com/uttar-pradesh/ghaziabad/ghaziabad-local-news-when-ghaziabads-raju-was-evicted-from-his/article-3275 Sun, 08 Dec 2024 16:48:38 +0530
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<![CDATA[ <p><strong>Ghaziabad News !</strong>  जिस राजू को साहिबाबाद के शहीदनगर का परिवार अपना 30 साल पहले लापता हुआ बेटा मानकर खुशी मना रहा था, वह शातिर चोर निकला है। उसको अपने असली परिवार ने भी छोड़ दिया था। वह उसकी आदतों की वजह से काफी परेशान हो चुके थे। इंद्राज मेघवाल शहर-शहर भटकता रहा और उसने अपनी मर्जी से और लगभग हर जगह रहने के लिए माता-पिता ढूंढे। शुक्रवार को उसका सफर खत्म हो गया जब उसे धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।</p> <p>यह पूरा मामला दो हफ्ते पहले शुरू होता है। जब वह गाजियाबाद के एक पुलिस</p>... ]]>
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<![CDATA[ <a href="https://www.amanshantinews.com/uttar-pradesh/ghaziabad/ghaziabad-local-news-make-indraj-stand-for-a-minute-everything/article-3276"><img src="https://www.amanshantinews.com/media/400/2024-12/capture63.jpg" alt=""></a><br /><p><strong>Ghaziabad News !</strong> जिस राजू को साहिबाबाद के शहीदनगर का परिवार अपना 30 साल पहले लापता हुआ बेटा मानकर खुशी मना रहा था, वह शातिर चोर निकला है। उसको अपने असली परिवार ने भी छोड़ दिया था। वह उसकी आदतों की वजह से काफी परेशान हो चुके थे। इंद्राज मेघवाल शहर-शहर भटकता रहा और उसने अपनी मर्जी से और लगभग हर जगह रहने के लिए माता-पिता ढूंढे। शुक्रवार को उसका सफर खत्म हो गया जब उसे धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।</p> <p>यह पूरा मामला दो हफ्ते पहले शुरू होता है। जब वह गाजियाबाद के एक पुलिस स्टेशन में अचानक आया और दावा किया कि उसे यहां से बचपन में किडनैप कर लिया था। वह अपने माता-पिता से फिर से मिलना चाहता है। उसने पुलिस को जो शानदार कहानी सुनाई। उसने कहा कि उसे एक ट्रक में जैसलमेर ले जाया गया और 30 साल तक एक एनिमल फार्म में गुलाम बनाकर रखा गया। उसने पुलिस को उसके परिवार को ढूंढने के लिए मजबूर कर दिया।</p> <h2 class="wp-block-heading">कहानी में आया नया मोड़</h2> <p>फिर कहानी में नया मोड़ आता है। लीलावती नाम की महिला के बेटे का भी अपहरण कर लिया गया था और पुलिस ने जब पुरानी फाइलों को खंगाला तो चार परिवारों से संपर्क किया और फिर लीलावती पुलिस स्टेशन पहुंची। लीलावती ने उसकी पहचान अपने बेटे भीम के तौर पर की।</p> <h2 class="wp-block-heading">लीलावती को इंद्राज ने सुनाई भावुक कहानी</h2> <p>लीलावती को इस बात का बिल्कुल भी नहीं पता था कि उसके शातिर दिमाग में क्या चल रहा था। इंद्राज को यह नहीं पता था कि भीम कौन है, लेकिन पुलिस स्टेशन में मेहमान के तौर पर उसने मामलों की छानबीन करते हुए काफी कुछ जान लिया था। तीन बाकी परिवार पुलिस स्टेशन आए थे, लेकिन उसने केवल लीलावती के सामने ही ऐसा जवाब दिया, क्योंकि लीलावती ने उसे अपनी कहानी सुनाई थी। वह गलत नहीं था। भीम सिंह के रूप में इंद्राज पांच दिनों के लिए एक जोड़े के लिए लंबे समय से खोया हुआ बेटा बन गया, जब तक कि देहरादून से सूचना नहीं मिली कि वह इस साल जुलाई में एक जोड़े के साथ उनके बेटे मोनू सिंह के रूप में कुछ हफ्ते तक रहा था। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और जांच शुरू की।</p> <h2 class="wp-block-heading">चोर निकला इंद्राज</h2> <p>पुलिस को पता चला कि भीम असल में इंद्राज मेघवाल है। वह 38 साल का है और<a class="ie-click-event" href="https://www.jansatta.com/rajya/rajasthan/"> राजस्थान </a>के अनूपगढ़ जिले के जैतसर का रहने वाला है। वह एक छोटा चोर है जिसे 2005 में उसकी आदतों की वजह से घर से निकाल दिया गया था। 2021 में वह सोने के गहने और<a class="ie-click-event" href="https://www.jansatta.com/about/mobile-phone/"> मोबाइल फोन </a>लेकर भाग गया था। ऐसा माना जाता है कि पिछले चार सालों में वह 9 परिवारों के साथ रहा है।</p> <h2 class="wp-block-heading">असली पिता का नाम चुन्नी लाल मेघवाल</h2> <p>पुलिस टीम उसके घर पर पहुंची। उसके पिता का नाम चुन्नी लाल मेघवाल है। वह एक किसान है। पुलिस ने उसकी मां, भाई रानेश और बहनों मंजू और वीरमती से भी मुलाकात की। ट्रांस-हिंडन के डीसीपी निमिश पाटिल ने कहा, ‘उसके पिता ने हमें उसकी चोरी की आदतों के बारे में बताया, जो उसकी जेब से पैसे चुराने और फिर पड़ोसी घरों से सामान चुराने से शुरू हुई थी। वह उन रिश्तेदारों के घरों से भी चोरी करता था, जिनके घर वे आते थे।’ डीसीपी ने कहा, ‘एक स्थानीय शख्स ने दौरा करने वाली पुलिस टीम से कहा, ‘इंद्राज को एक मिनट के लिए खड़ा कर दो, कुछ गायब हो जाएगा।’</p> <p>रमेश ने टॉइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि स्थानीय लोग इंद्राज के बारे में शिकायत लेकर रोजाना उनके घर आते थे। परिवार खासकर उनकी मां ने उसे बचाने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार यह उनके लिए बहुत ज्यादा हो गया। उन्होंने कहा कि इंद्राज की चोरी की आदत की वजह से हमें अपना घर छोड़कर श्रीगंगानगर में जाना पड़ा। 2005 के बाद दूर के रिश्तेदारों के साथ रहने लगा, लेकिन वह कहीं भी कुछ महीनों से ज्यादा नहीं टिक पाया। 2010 में उसे बीकानेर के पास सुरक्षा बलों की शूटिंग रेंज में सफाईकर्मी के तौर पर काम मिल गया। डीसीपी ने कहा, ‘उसका काम शूटिंग प्रैक्टिस के बाद मैदान की सफाई करना था।’ इंद्राज ने यहां से वर्दी चुराई और भाग गया। वह गाजियाबाद में पुलिस के सामने वर्दी पहनकर पेश हुआ था।’</p> <h2 class="wp-block-heading">जेल में भी रहा इंद्राज</h2> <p>इंद्राज ने एनिमल फार्म में भी काम किया था, यहां पर उसे किसी भी तरह से कैद करके नहीं रखा हुआ था। यहां पर वह मालिक की दया से रह रहा था और उसने वहां पर तीन महीने बिताए। यह 2021 में हनुमानगढ़ में हुआ था। उसने नौकरी के लिए हेतराम से संपर्क किया। हेतराम ने कहा कि वह अपनी भेड़ों की देखभाल कर सकता है। उसने घर में लूटपाट की और तीन महीने बाद भाग गया। एक एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस की टीम ने उसे अरेस्ट कर लिया और वह करीब छह महीने तक जेल में रहा था। पहली बार उसने जैसलमेर की कैद की कहानी जेल से बाहर आने के बाद बताई थी। वह श्रीगंगानगर के एक पुलिस स्टेशन गया और दावा किया कि 20 साल पहले उसका अपहरण कर लिया गया था। पुलिस ने पुरानी फाइलें खंगालीं और कुछ परिवार उससे मिलने आए, बिल्कुल गाजियाबाद की तरह ही।</p> <p>डीसीपी ने कहा कि उसने एक परिवार की बातचीत सुनी और जो जानकारी जुटाई उसका इस्तेमाल करके उन्हें यकीन दिलाया कि वह वास्तव में बेटा है। आशाराम का परिवार उसे अपने घर ले गया। भागने से पहले वह दो महीने तक राम प्रताप के तौर पर उनके साथ रहा। 2023 में इंद्राज सीकर के एक गांव में गया और इसी तरह गौरम नायक के साथ उसके बेटे के तौर 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<title>Ghaziabad local news : जब गाजियाबाद के राजू को पिता चुन्नी लाल ने संपत्ति से कर दिया था बेदखल, जानें क्राइम की दुनिया में आने की असल कहानी</title>
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